वोट चोरी विवाद पर महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई। राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ बयान के बाद अब आदित्य ठाकरे ने सर्जिकल स्ट्राइक की चेतावनी दी।
राहुल गांधी के 'वोट चोरी हाइड्रोजन बम' के बाद अब शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने 'वोट चोरी पर सर्जिकल स्ट्राइक' की चेतावनी दी है। आदित्य ठाकरे ने वोट चोरी के राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए बीजेपी पर तंज कसा। उन्होंने मुंबई में इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में कहा, "
राहुल गांधी का हाइड्रोजन बम तो आएगा ही, लेकिन हम भी महाराष्ट्र में वोट चोरी के खिलाफ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने को तैयार हैं।" ठाकरे ने दावा किया कि 2019 और 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ। उन्होंने कहा, 'हमारे पास भी सबूत हैं, और जल्द ही हम इसे जनता के सामने लाएंगे।'
आदित्य ने खासकर महाराष्ट्र में 1 करोड़ नए मतदाताओं के अचानक जुड़ने का दावा किया, जो उनके अनुसार बीजेपी के पक्ष में था। उन्होंने कहा, 'यह कोई संयोग नहीं है कि जहां विपक्ष मजबूत है, वहां मतदाता सूचियों में हेराफेरी हो रही है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
एक्सपोज के समय के बारे में और सवाल किए जाने पर आदित्य ने कहा, 'हम सर्जिकल स्ट्राइक के समय के बारे में खुलासा नहीं कर सकते।' उन्होंने आगे कहा, "हमने पिछले साल चुनाव से पहले ही अचानक बढ़े वोटरों, गायब वोटरों और बूथ मैनेजमेंट में गड़बड़ी के बारे में चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। हम जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे"।
मुंबई नगर निकाय चुनाव नजदीक आते ही आदित्य ठाकरे ने चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी जल्द ही चुनाव आयोग का पर्दाफाश करेगी, ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी ने हाल ही में 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कथित गड़बड़ियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था।
राहुल का ‘हाइड्रोजन बम’ दावा
हमने महादेवपुरा में एक ‘एटम बम’ फोड़ा था, अब हम ‘हाइड्रोजन बम’ लाने वाले हैं। बीजेपी के लोग तैयार रहें, जल्द ही वोट चोरी की सच्चाई देश के सामने आएगी। राहुल गांधी
विपक्ष के नेता
राहुल ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र और आलंद निर्वाचन क्षेत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि वहाँ बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेराफेरी की गई। 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के महादेवपुरा में एक लाख फर्जी वोटों का आरोप लगाया, जिसमें 40,009 फर्जी पते और 10,452 बल्क वोटर शामिल थे। इसके अलावा 18 सितंबर को एक अन्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आलंद में 6018 मतदाताओं को हटाने की कोशिश का दावा किया, जो कथित तौर पर एक केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर और गैर-कर्नाटक मोबाइल नंबरों के जरिए किया गया।
सीईसी पर आरोप
राहुल ने चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि वे ‘वोट चोरों’ को बचा रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक सीआईडी की जांच का हवाला देते हुए कहा कि आयोग ने 18 महीने तक ज़रूरी डेटा साझा करने से इनकार किया, जो उनकी संलिप्तता का सबूत है। राहुल ने कहा, 'मैं देश के युवाओं और छात्रों के साथ खड़ा हूं, जो संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ रहे हैं।'
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद और हास्यास्पद करार दिया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'राहुल गांधी हर बार हार के बाद नई कहानियां गढ़ते हैं। पहले ईवीएम पर सवाल उठाए, अब मतदाता सूची पर। उनके पास कोई सबूत नहीं है, बस प्रचार के लिए हाइड्रोजन बम की बात कर रहे हैं।' प्रसाद ने यह भी कहा कि आलंद में कांग्रेस ने ही 2023 में जीत हासिल की थी, फिर वे वहां ‘वोट चोरी’ का दावा कैसे कर सकते हैं?
चुनाव आयोग ने भी राहुल के आरोपों को गलत और आधारहीन बताया। आयोग ने कहा कि कोई भी मतदाता हटाने की प्रक्रिया बिना प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिए नहीं हो सकती। आयोग ने यह भी साफ़ किया कि कर्नाटक सीआईडी को ज़रूरी जानकारी दी जा रही है।
बिहार में बढ़ता विवाद
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने इस मुद्दे को और हवा दी। यात्रा के दौरान ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा खूब गूंजा। राहुल ने बिहार के युवाओं को चेतावनी दी कि ‘वोट चोरी’ का मतलब है ‘अधिकारों की चोरी, लोकतंत्र की चोरी और रोजगार की चोरी’। इस यात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजद नेता तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
क्या है ‘वोट चोरी’ का आरोप?
राहुल गांधी और कांग्रेस ने विशेष रूप से ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ यानी एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए, जिसे वे बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाताओं को हटाने का एक तरीका मानते हैं। राहुल ने दावा किया कि यह प्रक्रिया बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से हो रही है, ताकि विपक्षी दलों के समर्थकों को वोट देने से रोका जाए। कर्नाटक के आलंद में 6018 मतदाताओं को हटाने की कोशिश का मामला भी संयोगवश पकड़ा गया, जब एक बूथ लेवल अधिकारी ने अपने रिश्तेदार का नाम हटाए जाने की शिकायत की।
राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ और आदित्य ठाकरे की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की टिप्पणियां भारतीय राजनीति में एक नए तूफान का संकेत दे रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव और महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय चुनावों के मद्देनजर यह विवाद और गहरा सकता है।