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अजीत पवार फिर से महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बनेंगे

ऐन मौक़े पर एनसीपी से बग़ावत कर बीजेपी की सरकार बनवाने वाले अजीत पवार का फिर से शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार में महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनना तय है। वह 30 दिसंबर को शपथ ले सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी दिन उद्धव ठाकरे सरकार की कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।

'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि अजीत पवार के नाम पर उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच चर्चा के बाद सहमति बनी है। कहा जा रहा है कि इस चर्चा के दौरान कांग्रेस की ओर से कोई मौजूद नहीं था।

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अजीत पवार इससे पहले पिछले महीने भी उप मुख्यमंत्री बने थे जब देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। 23 नवंबर को उस समय महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया था जब शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने की चर्चाएँ थीं। तब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को डिप्टी सीएम के पद की शपथ दिला दी थी।

बता दें कि अजीत पवार एनसीपी मुखिया शरद पवार के भतीजे हैं। तब शरद पवार शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार के प्रयासों में लगे थे। राजनीतिक उठापटक के बीच फडणवीस को बहुमत साबित करने से पहले ही 26 नवंबर को  मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। फडणवीस के साथ ही अजीत पवार को भी उप मुख्यमंत्री पद से 26 नवंबर को ही इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इस्तीफ़े के बाद वह एनसीपी में लौट आए थे। इसके बाद राज्य में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनी। 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इनके साथ ही कुछ अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी।

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इसी बीच उप मुख्यमंत्री बनने के दौरान सरकार बनाने में बीजेपी का साथ देने वाले अजीत पवार के ख़िलाफ़ सिंचाई घोटाले के केस बंद किए जाने की अपुष्ट ख़बर ने तहलका मचा दिया था। इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि क्या सच में अजीत पवार उप मुख्यमंत्री बनते ही सिंचाई घोटाले के आरोपों से पाक-साफ़ हो गए? हालाँकि, बाद में एसीबी ने ही कोर्ट में रिपोर्ट पेश की थी कि अजीत पवार पाक साफ़ हैं और गड़बड़ियों के लिए उन्हें ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। और अब फिर से उनके मुख्यमंत्री बनाए जाने की ख़बर है।
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क़मर वहीद नक़वी
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