Ajit Pawar Anjana IPS Krishna: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी के लोग उस महिला आईपीएस अधिकारी के पीछे पड़ गए, जिसे पवार ने धमकी दी थी। पवार के लोग अब आईपीएस अंजना कृष्णा की चयन प्रक्रिया की जानकारी यूपीएससी से मांग रहे हैं।
अजित पवार और आईपीएस अंजना कृष्णा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी के लोगों ने आईपीएस अंजना कृष्णा की चयन प्रक्रिया की छानबीन शुरू कर दी है। अजित पवार का एक दिन पहले वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को धमकी दी थी। अजित की पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मितकरी ने अंजना कृष्णा के संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के माध्यम से चयन पर सवाल उठाए हैं। मितकरी ने शुक्रवार को यूपीएससी सचिव को पत्र लिखकर अंजना कृष्णा की शैक्षणिक योग्यता, जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच और सत्यापन की मांग की है।
मितकरी ने कहा, "अंजना कृष्णा के यूपीएससी चयन पर संदेह उठाए गए हैं, इसलिए आधिकारिक रिकॉर्ड की उचित जांच जरूरी है। आयोग को गहन जांच कर तथ्यों और वास्तविकता का सत्यापन करना चाहिए।" उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अंजना कृष्णा की तुलना विवादास्पद पूर्व आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर से की, जिनके दस्तावेज कथित तौर पर धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए थे। मितकरी ने कहा, "यूपीएससी को जांच कर सच्चाई को जनता के सामने लाना चाहिए।"
यह विवाद गुरुवार शाम को शुरू हुआ, जब सोलापुर के कुर्डू गांव में मुरूम (सड़क निर्माण में प्रयुक्त सामग्री) के अवैध उत्खनन की शिकायतों के बाद उप-विभागीय पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा वहां पहुंची थीं। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि स्थानीय एनसीपी कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अजित पवार को फोन किया और फोन अंजना कृष्णा को सौंप दिया। कॉल के दौरान, अंजना ने कहा कि वह यह पुष्टि नहीं कर सकतीं कि वह उपमुख्यमंत्री से बात कर रही हैं और उन्होंने आधिकारिक नंबर पर सीधे संपर्क करने को कहा।
अंजना ने कहा, "मैं समझ रही हूं कि आप क्या कह रहे हैं, लेकिन मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि मैं उपमुख्यमंत्री से बात कर रही हूं। कृपया मुझे मेरे नंबर पर सीधे कॉल करें।" इसके जवाब में, अजित पवार कथित तौर पर नाराज हो गए और उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए अंजना से बात की, जिसमें उन्होंने मुरूम उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया। जब अंजना ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि वह पवार से बात कर रही थीं, तो पवार ने गुस्से में कहा, "मैं तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करूंगा। मैं तुमसे बात कर रहा हूं और तुम मुझे सीधे कॉल करने को कह रही हो। तुम मुझे देखना चाहती हो? मेरा नंबर लो और व्हाट्सएप कॉल करो। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?"
वीडियो वायरल होने के बाद, अजित पवार ने सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा कानून प्रवर्तन में हस्तक्षेप करने का नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि "स्थानीय स्थिति शांत रहे और तनाव न बढ़े।" उन्होंने कहा, "मुझे हमारी पुलिस और इसके अधिकारियों, विशेष रूप से महिला अधिकारियों के प्रति बहुत सम्मान है, जो विशिष्टता और साहस के साथ सेवा करती हैं। मैं कानून के शासन को सर्वोपरि मानता हूं। मैं पारदर्शी शासन और हर अवैध गतिविधि, जैसे रेत खनन, के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।"
इस वीडियो ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों, खासकर शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने इस घटना को लेकर अजित पवार और एनसीपी पर निशाना साधा है। कुछ यूजरों ने इसे अधिकारी बनाम राजनेता का मुद्दा बताया, तो कुछ ने इसे महिलाओं के खिलाफ अनुचित व्यवहार के रूप में देखा।
यह मामला अब न केवल अजित पवार के व्यवहार को लेकर चर्चा में है, बल्कि अंजना कृष्णा की चयन प्रक्रिया पर उठे सवालों ने भी विवाद को और गहरा दिया है। यूपीएससी से इस मामले की जांच की मांग की जा रही है, और जनता इस बात का इंतजार कर रही है कि इस विवाद का निष्कर्ष क्या होगा।