loader

एनसीपी सांसद के गोडसे बनने पर हंगामा, पवार ने किया बचाव!

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे पर बनी फिल्म को लेकर महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। Why I killed Gandhi (मैंने गांधी को क्यों मारा?) नाम की इस फ़िल्म में नाथूराम गोडसे की भूमिका एनसीपी सांसद और फ़िल्म अभिनेता अमोल कोल्हे ने निभाई है। इस फिल्म को लेकर इसलिए बवाल मचा हुआ है क्योंकि एनसीपी नाथूराम गोडसे का विरोध करती आई है, ऐसे में उसके सांसद द्वारा फ़िल्म में गोडसे की भूमिका निभाना उसके गले की हड्डी बन गयी है। 

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने अपने सांसद अमोल कोल्हे द्वारा इस फ़िल्म में गोडसे का किरदार निभाने पर ऐतराज जताया है। हालांकि शरद पवार ने कोल्हे का बचाव करते हुए कहा कि कोल्हे ने उस समय इस फ़िल्म को साईन किया था जब वह एनसीपी में नहीं थे।

Why I killed Gandhi नाम की इस फ़िल्म में अमोल कोल्हे ने नाथूराम गोडसे का किरदार निभाया है। वैसे यह फिल्म साल 2017 में बननी शुरू हुई थी लेकिन इसे अब रिलीज किया जा रहा है।

ताज़ा ख़बरें

अमोल कोल्हे पेशे से नेता और अभिनेता हैं। साल 2014 के चुनाव अभियान में अमोल कोल्हे शिवसेना के स्टार प्रचारक माने जाते थे लेकिन साल 2019 में वह शिवसेना छोड़कर एनसीपी में शामिल हो गए थे। ऐसे में गोडसे की फ़िल्म रिलीज होने के समय विवाद हो गया है।

जितेंद्र आव्हाड की आपत्ति

अमोल कोल्हे की इस फ़िल्म का उनकी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने फिल्म पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि अमोल कोल्हे को गोडसे के ऊपर बनी इस फिल्म को नहीं करना चाहिए था। पार्टी गोडसे के सिद्धांतों के खिलाफ रही है ऐसे में अमोल कोल्हे द्वारा इस फिल्म में अभिनय करने के बाद से पार्टी की छवि खराब हो रही है।

कांग्रेस ने भी जताया एतराज

कांग्रेस ने भी अमोल कोल्हे द्वारा अभिनय की गई गोडसे की फिल्म पर कड़ा एतराज जताया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि अमोल कोल्हे को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के ऊपर बनी फिल्म पर अभिनय करने से इनकार करना चाहिए था। ऐसे में उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे के ऊपर बनी फिल्म में अभिनय करके बापू का अपमान किया है। इसके साथ ही पटोले ने यह भी ऐलान किया है कि पूरे महाराष्ट्र में गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की इस फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।

Amol Kolhe role as Nathuram Godse  - Satya Hindi

अमोल कोल्हे ने विवाद बढ़ता देख एक बयान जारी किया है। बयान में कोल्हे ने कहा है कि जब वह साल 2014 में शिवसेना में थे तो उन्होंने यह फिल्म साइन की थी और उस समय शूटिंग भी पूरी हो गई थी लेकिन रिलीज नहीं हो पाई थी। फरवरी 2019 में कोल्हे ने एनसीसी जॉइन कर ली थी। उसके बाद वह एनसीपी से सांसद भी चुने गए थे।

अमोल कोल्हे पश्चिमी महाराष्ट्र के शिरूर से सांसद हैं। अमोल ने सफाई दी है कि उन्हें ऐसा लगता है कि हिंदी फिल्म ‘वाय आई किल्ड गांधी' में गोडसे के रूप में मेरी भूमिका के कारण बहुत से लोग आहत हुए हैं। मैं उन सभी से माफ़ी मांगता हूं। मैंने कभी भी गोडसे के कृत्य या महात्मा गांधी के खिलाफ उसके विचारों का समर्थन नहीं किया है। 

आपको बता दें कि अमोल कोल्हे राजा शिव छत्रपति में छत्रपति शिवाजी के रोल के बाद काफी चर्चित भी हुए थे और इसके बाद ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा और वे राजनीति में आ गए। साल 2014 में कोल्हे को शिवसेना ने स्टार प्रचारक बनाया था।

महाराष्ट्र से और खबरें

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने फिल्म में नाथुराम गोडसे का किरदार निभाने वाले अपने सांसद अमोल कोल्हे का बचाव किया है। पवार ने कहा कि अमोल कोल्हे एक फिल्म अभिनेता हैं और उनको उसी नजर से देखना चाहिए। शरद पवार ने कहा जिस समय यह फिल्म बनाई गई थी उस समय अमोल कोल्हे एनसीपी में नहीं थे ऐसे में उनके ऊपर आरोप लगाना सही नहीं है। हालाँकि इससे पहले एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड कोल्हे द्वारा अभिनीत इस फिल्म का विरोध कर चुके हैं। 

आपको बता दें कि अमोल कोल्हे एमबीबीएस कर चुके हैं और कई सीरियल में अभिनय भी कर चुके हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें