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परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ मानहानि केस करूँगा: देशमुख 

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ मानहानि का केस करेंगे। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप ग़लत हैं और इसीलिए वह ऐसा क़दम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि परमबीर सिंह अपने आरोपों को सही साबित करें। उनका यह बयान तब आया है जब मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सनसनी आरोप लगाए कि गृह मंत्री ने मुंबई के निलंबित पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे को ग़लत तरीक़े से 100 करोड़ रुपए हर महीने उगाही करने का लक्ष्य दिया था।

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भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर देशमुख पर दबाव बढ़ गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख पर लगे इस गंभीर आरोप के बाद उनसे इस्तीफ़ा माँग लिया है। उन्होंने कहा कि इस्तीफ़ा दिए बग़ैर इस केस की जाँच सही तरीक़े से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इसलिए अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए और किसी दूसरी बड़ी एजेंसी से इस मामले की जाँच की जानी चाहिए।

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक बयान में कहा है कि जिस तरह से परमबीर सिंह को कमिश्नर के पद से हटाया गया है, उसके बाद उन्होंने यह आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि परमबीर सिंह क़ानूनी कार्रवाई से बचने के लिए यह मनगढंत आरोप लगा रहे हैं। 

देशमुख ने ट्वीट किया, 'पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने ख़ुद को बचाने के लिए झूठे आरोप लगाए हैं क्योंकि मुकेश अंबानी और मनसुख हिरेन के मामले में सचिन वाज़े की संलिप्तता सामने आई है जो अब तक की गई जाँच से स्पष्ट हो रहा है और श्री सिंह तक तार जुड़ रहे हैं।'

anil deshmukh will file defamation case against param bir singh for corruption allegations - Satya Hindi

परमबीर सिंह को कुछ दिनों पहले ही मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया गया है। उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी और गंभीर आरोप जड़ दिए। 

परमबीर ने इस चिट्ठी में लिखा है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने फरवरी में क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के तत्कालीन इंचार्ज सचिन वाजे को अपने सरकारी निवास ज्ञानेश्वरी बंगले पर बुलाया था और उन पर मुंबई के बार, रेस्टोरेंट्स और हुक्का पार्लर से हर महीने 100 करोड़ रुपए हफ़्ते का टारगेट दिया था।

उन्होंने कहा कि फरवरी और उसके बाद गृह मंत्री ने वाजे को कई बार अपने घर बुलाया था। उस समय गृह मंत्री के एक-दो कर्मचारी, जिनमें उनके निजी सचिव भी शामिल थे, वहाँ मौजूद थे। 

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बता दें कि इस पूरे मामले की शुरुआत पिछले महीने तब हुई थी जब मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से लदी एक कार मिली थी। पहले उस कार के मालिक के तौर पर मनसुख हिरेन की पहचान की गई। बाद में मनसुख हिरेन का शव मिला। आरोप लगाए गए कि उनकी हत्या हुई है। इसी मामले में फिर महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे का नाम आया। उन्हें एनआईए ने पूछताछ के लिए गिरफ़्तार किया। इस बीच मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया। और अब परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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