'आया राम गया राम' मुहावरा तो सुना ही होगा! एक राजीनिक घटनाक्रम इतना रोचक हुआ कि यह मुहावरा बन गया। उसी राजनीतिक घटनाक्रम के बाद देश में दल बदल विरोधी क़ानून आया। अब इसी क़ानून पर इसलिए चर्चा हो रही है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के कई नेता बाग़ी हो गए हैं। शिवसेना के ये बागी नेता क्या उद्धव ठाकरे सरकार को गिरा देंगे और किसी अन्य दल में विलय कर लेंगे या फिर दल बदल विरोधी क़ानून के तहत ये अयोग्य घोषित किए जाएंगे?
क्या बच पाएँगे शिवसेना के बाग़ी? जानिए दल बदल विरोधी क़ानून को
- महाराष्ट्र
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- 29 Jun, 2022
क्या शिवसेना के बाग़ी नेता दल बदल विरोधी क़ानून से बचने में कामयाब हो पाएँगे? आख़िर यह क़ानून क्या है और एकनाथ शिंदे क्या इससे निपटने को तैयार हैं?

वैसे यह तो तय करेंगे विधानसभा के उपाध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा करेगा, लेकिन इस बारे में नियम क्या कहता है? क्या नियमानुसार बागी अपनी जगह पर सही हैं और इस वजह से उद्धव ठाकरे सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी?