कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने कभी कहा था कि चुनाव काम से नहीं मैनेजमेंट से जीता जाता है। बीस साल बीत गये इस बात को। बीजेपी ने तो ये बात गांठ बांध ली और कांग्रेस इसे भूल गयी। इसलिए आज महाराष्ट्र के चुनाव में चुनाव प्रबंधन में भाजपा सबसे आगे दिख रही है और कांग्रेस सबसे पीछे। चुनाव परिणामों पर इसका खासा असर दिखाई देगा। बात करते हैं किसका कैसा है प्रबंधन और कौन कर रहा है।
महाराष्ट्र: चुनाव प्रबंधन में मज़बूत कौन- बीजेपी या कांग्रेस?
- महाराष्ट्र
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- 18 Nov, 2024

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो गठबंधनों के बीच मुक़ाबला है, लेकिन इसें छह दल हैं। जानिए, आख़िर किस दल का चुनाव प्रबंधन सबसे मज़बूत है और कौन पिछड़ रहा है।
भाजपा की पूरी तैयारी
लोकसभा चुनाव में हाथ जलाने के बाद अब भाजपा ने सारी ग़लतियां सुधारने का मन बना लिया है और चुनाव प्रबंधन के सारे इंतजाम कर लिये हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के एक महीने बाद ही महाराष्ट्र के लिए दो बड़े नेताओं अश्विनी वैष्णव और भूपेंद्र यादव की ड्यूटी लगा दी थी जिन्होंने आने के साथ ही विधानसभावार चुनाव परिणामों की समीक्षा की और उसी के हिसाब से बिसात बिछाना शुरू कर दिया। ये भाजपा की ही समझदारी का परिणाम है कि लोकसभा में कम सीटें मिलने के बाद भी भाजपा को अपनी महायुति में विधानसभा के लिए सबसे ज्यादा 154 सीट मिल गयी। इतना ही नहीं, उसने एकनाथ शिंदे की शिवसेना से अपने 15 और अजित पवार गुट से 6 लोगों को एडजस्ट भी कर दिया। जाहिर है ये सब चुनाव परिणाम के बाद भाजपा का साथ देंगे।