महाराष्ट्र के विधायक छगन भुजबल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री पद से पिछले साल नवंबर में ही इस्तीफा दे दिया था। वह ओबीसी कोटा में मराठा समुदाय को पिछले दरवाजे से आरक्षण देने का आरोप लगाते रहे हैं।
छगन भुजबल बोले- नवंबर में मंत्री से इस्तीफा दे दिया था; तो चुप क्यों रहे?
- महाराष्ट्र
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- 29 Mar, 2025
महाराष्ट्र के मंत्री पद से क्या छगन भुजबल ने पिछले साल ही इस्तीफ़ा दे दिया था? जानिए, उन्होंने क्या दावा किया है और इसके पीछे वजह क्या बतायी है।

छगन भुजबल ने इसकी घोषणा एक रैली में की है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने पिछले नवंबर में राज्य मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा, 'विपक्ष के कई नेता यहाँ तक कि मेरी सरकार के नेता भी कहते हैं कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए। किसी ने कहा कि भुजबल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। मैं विपक्ष, सरकार और अपनी पार्टी के नेताओं को बताना चाहता हूं कि 17 नवंबर को अंबाद में आयोजित ओबीसी एल्गर रैली से पहले मैंने 16 नवंबर को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और फिर उस कार्यक्रम में शामिल होने गया था।'
तो सवाल है कि जब उन्होंने क़रीब ढाई महीने पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था तो अब तक इसकी जानकारी बाहर क्यों नहीं आई? उन्होंने खुद इसकी घोषणा पहले क्यों नहीं की? इसके जवाब में भुजबल ने कहा है कि वह दो महीने से अधिक समय तक चुप रहे क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने उन्हें इस बारे में नहीं बोलने के लिए कहा था।