महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और एक वक़्त में मोदी-शाह की जोड़ी के चहेते देवेंद्र फडणवीस की क्या बीजेपी आलाकमान के दरबार में सियासी हैसियत कम हो रही है। यह बात महाराष्ट्र की सियासत में बीते कुछ वक़्त में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों के विश्लेषण से पता चलती है। हुआ ये है कि महाराष्ट्र में फडणवीस के राजनीतिक विरोधियों का क़द बीजेपी आलाकमान ने बढ़ाया है और इसे लेकर अंदरखाने चर्चा है कि आख़िर ऐसा करने के पीछे क्या वजह है।
फडणवीस के विरोधियों को क्यों प्रमोट कर रहा है बीजेपी हाईकमान?
- महाराष्ट्र
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- 25 Nov, 2021
बीजेपी हाईकमान द्वारा महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के सियासी विरोधियों का क़द बढ़ाने का क्या मतलब है? इसे लेकर खासी चर्चा राज्य के सियासी गलियारों में है।

पहले बीजेपी ने विनोद तावड़े को सचिव से प्रमोशन देकर पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया। फिर चंद्रशेखर बावनकुले को महाराष्ट्र की विधान परिषद में भेज दिया।
इस ख़बर को समझने के लिए थोड़ा पीछे चलना होगा। साल 2014 तक यानी केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के गठन से पहले महाराष्ट्र में गोपीनाथ मुंडे, नितिन गडकरी और एकनाथ खडसे बड़े नेता थे। मुंडे का निधन हो गया, गडकरी केंद्रीय मंत्रिमंडल में चले गए और खडसे महाराष्ट्र की विधानसभा में विरोधी दल के नेता थे।