महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक साल से आत्महत्याओं पर बहस का दौर शुरू है। ये हत्याएँ थीं या आत्महत्याएँ इस बात को लेकर संशय बरकरार है, लेकिन राजनीति खामोश नहीं है। कोरोना का लॉकडाउन काल हो या विधानसभा का बजट सत्र सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से लेकर मनसुख हिरेन की मौत एक पहेली ही बनी हुई है। इस बीच दिशा सालियान, आर्किटेक्ट अन्वय नाईक, सांसद मोहन डेलकर आदि के नाम भी जुड़ते गए।