महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक साल से आत्महत्याओं पर बहस का दौर शुरू है। ये हत्याएँ थीं या आत्महत्याएँ इस बात को लेकर संशय बरकरार है, लेकिन राजनीति खामोश नहीं है। कोरोना का लॉकडाउन काल हो या विधानसभा का बजट सत्र सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से लेकर मनसुख हिरेन की मौत एक पहेली ही बनी हुई है। इस बीच दिशा सालियान, आर्किटेक्ट अन्वय नाईक, सांसद मोहन डेलकर आदि के नाम भी जुड़ते गए।
महाराष्ट्र में हत्या-आत्महत्याओं पर राजनीति! सच सामने आएगा?
- महाराष्ट्र
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- 10 Mar, 2021

महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक साल से आत्महत्याओं पर बहस का दौर शुरू है। सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से लेकर मनसुख हिरेन की मौत तक एक पहेली ही बनी हुई है।
राजनीति और अपराध की सांठगांठ के क़िस्सों के अलावा इस बार टेलीविजन चैनलों के चाल और चरित्र का नया चेहरा भी देखने को मिला। मीडिया की लक्ष्मण रेखा को निर्धारित करने के लिए मांग उठी और सामाजिक संगठनों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया। लेकिन इन सभी लोगों की मृत्यु का गूढ़ अभी तक कायम है।