Uddhav Thackeray Interview : उद्धव ठाकरे ने सामना के साथ एक इंटरव्यू में बीजेपी, एकनाथ शिंदे खेमे और चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया है। उन्होंने क्यों कहा कि 'ठाकरे' कोई ब्रांड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की पहचान है?
शिवसेना यूबीटी प्रमुख
उद्धव ठाकरे ने 'ठाकरे' नाम को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि ठाकरे नाम केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि मराठी मानुष, महाराष्ट्र और हिंदू गौरव की पहचान है, जिसे कुछ लोग ख़त्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि "चुनाव आयोग एक ‘पत्थर’ है। उस पत्थर पर सिंदूर लगा देने मात्र से उसे ‘शिवसेना’ नाम और धनुष-बाण चिह्न किसी और को देने का अधिकार नहीं मिल जाता। यह नाम मेरे पिता और दादा ने दिया है। ठाकरे महाराष्ट्र के लिए संघर्ष करते रहेंगे!"
उद्धव ने अपनी पार्टी के मुखपत्र 'सामना' को दिए एक साक्षात्कार में ये बातें कही हैं। यह साक्षात्कार शिवसेना यूबीटी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत द्वारा लिया गया। इसमें उद्धव ने भारतीय जनता पार्टी और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जमकर निशाना साधा।
शिवसेना यूबीटी नेता ने जोर देकर कहा कि ठाकरे नाम का अर्थ है निरंतर संघर्ष। उन्होंने कहा, 'ठाकरे का मतलब है लड़ना, लोगों के लिए आवाज़ उठाना और उनकी पीड़ा को बिना डर के साझा करना। यही कारण है कि महाराष्ट्र की जनता इतने वर्षों से हमारे साथ है।'
उद्धव ठाकरे ने साक्षात्कार में कहा, 'ठाकरे सिर्फ़ एक ब्रांड नहीं है। यह मराठी मानुष, महाराष्ट्र और हिंदू गौरव की पहचान है। कुछ लोग इस पहचान को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जो ऐसा करने आए, वो खुद मिट गए।' उन्होंने अपने दादा केशव ठाकरे (प्रबोधनकार ठाकरे) और पिता व शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा स्थापित इस विरासत को अटूट बताया। उद्धव ने कहा, 'हमारी जड़ें मराठी मिट्टी में कई पीढ़ियों से गहरी हैं। मेरे दादा और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के समय से मराठी मानुष के साथ हमारा रिश्ता मज़बूत रहा है। अब मैं यहाँ हूँ, आदित्य ठाकरे यहाँ हैं और यहाँ तक कि राज ठाकरे भी इस विरासत के साथ जुड़ चुके हैं।'
बीजेपी, एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर ठाकरे नाम और शिवसेना की पहचान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने 2022 में शिवसेना में हुए विभाजन का ज़िक्र करते हुए कहा कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे और 39 विधायकों के साथ मिलकर उनकी पार्टी को तोड़ने की साज़िश रची। इस कारण महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए सरकार का पतन हुआ। उद्धव ने कहा, 'कुछ लोग ठाकरे ब्रांड को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनके अलावा कोई और सत्ता में आए।' उन्होंने आगे कहा, 'जिन्होंने 100 साल पूरे कर लिए, लेकिन कोई उदाहरण या उपलब्धि हासिल नहीं की, वे अब ठाकरे ब्रांड को चुराने की कोशिश कर रहे हैं।' यह बयान बीजेपी और आरएसएस पर सीधा हमला माना जा रहा है।
उद्धव ने यह भी कहा कि शिवसेना यूबीटी के पास भले ही आज कुछ न हो, लेकिन जनता का प्यार और समर्थन उनके साथ है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा,
कोई भी चीज़ चुराई जा सकती है, लेकिन नाम कैसे चुराया जा सकता है? आप पार्टी का चिह्न चुरा सकते हैं, लेकिन लोगों का प्यार और विश्वास कैसे चुराएंगे? उद्धव ठाकरे
शिवसेना यूबीटी
चुनाव आयोग पर सवाल
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को असली शिवसेना मानते हुए 'धनुष और बाण' चिह्न उन्हें दे दिया, जबकि ठाकरे गुट को शिवसेना यूबीटी नाम और 'मशाल' चिह्न आवंटित किया गया। उद्धव ने कहा, 'चुनाव आयोग हमारा चिह्न जब्त कर सकता है या किसी और को दे सकता है, लेकिन मेरे दादा और पिता द्वारा स्थापित पार्टी के नाम को देने का उसे कोई अधिकार नहीं है। संविधान के अनुसार, हमारी पार्टी ने कोई गलत काम नहीं किया।'
उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई के लिए 11 अगस्त की तारीख तय की है, जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के 'धनुष और बाण' चिह्न को शिंदे गुट को देने के फ़ैसले को चुनौती दी गई है।
मराठी अस्मिता और हिंदू गौरव
उद्धव ठाकरे ने मराठी अस्मिता और हिंदू गौरव पर जोर देते हुए कहा कि ठाकरे नाम इन मूल्यों का प्रतीक है। उन्होंने बीजेपी पर 'बाँटो और राज करो' की नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी समाज को धर्म और जाति के आधार पर बांटने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा, 'ठाकरे नाम केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का हिस्सा है। इसे मिटाने की कोशिश करने वाले समय के साथ खत्म हो जाएंगे।'
उद्धव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कभी भी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हुई और जनता का विश्वास उनकी सबसे बड़ी ताक़त है। उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनावों का ज़िक्र करते हुए कहा कि एमवीए ने लोकसभा चुनावों में महायुति को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन विधानसभा चुनावों में गठबंधन में समन्वय की कमी के कारण हार का सामना करना पड़ा।
राज ठाकरे के साथ एकजुटता
साक्षात्कार में उद्धव ने अपने चचेरे भाई और
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के साथ हालिया एकजुटता का भी ज़िक्र किया। दोनों ने हाल ही में हिंदी भाषा के कथित थोपने के खिलाफ एक संयुक्त रैली में हिस्सा लिया था। उद्धव ने कहा, 'राज भी अब इस विरासत के साथ जुड़ चुके हैं। हम मराठी अस्मिता और महाराष्ट्र के हितों के लिए एक साथ खड़े हैं।'
उद्धव ने कहा कि भले ही उनकी पार्टी ने अपना मूल चिह्न और नाम खो दिया हो, लेकिन जनता का प्यार और विश्वास उनके साथ है। उन्होंने कहा, 'लोग जानते हैं कि ठाकरे ईमानदार हैं और उनके लिए लड़ते हैं। यह प्यार और विश्वास बाजार में नहीं बिकता।' उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में शिवसेना यूबीटी और मनसे मिलकर बीजेपी और महायुति को चुनौती दे सकते हैं।