महाराष्ट्र की राजनीति में शुक्रवार-शनिवार के दरम्यान जितनी तेज़ी से घटनाएँ घटीं और स्थितियाँ बदलीं, उससे तमाम लोग हतप्रभ हैं। आख़िर कब, क्या हुआ और कैसे हुआ कि देखते देखते ही मंजर ऐसा बदला, जिसकी किसी ने दूर-दूर तक कल्पना नहीं की थी।