कांग्रेस ने ट्राई पर आरोप लगाया कि उसने "2024 महाराष्ट्र चुनाव कैसे चुराया गया" नामक एक YouTube Documentary के लिंक वाले एसएमएस भेजने की उनकी कोशिश को रोक दिया। पार्टी ने कहा कि अनुरोध को "विरोध से संबंधित सामग्री" के आधार पर अस्वीकार कर दिया गया। हालांकि टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने सोमवार को इस पर अपनी सफाई पेश की। 
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि यह अस्वीकृति एक व्यापक साजिश को दर्शाती है। उन्होंने X पर कहा, "गृह मंत्रालय, चुनाव आयोग और दूरसंचार नियामक के बीच इतनी सटीक समन्वय कैसे है? क्या महाराष्ट्र चुनाव धोखाधड़ी की गूंज और सरकारी अंगों द्वारा जानकारी को दबाने के लिए समन्वित कदमों से अधिक सबूत चाहिए?" 
उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने ट्राई के पास मंजूरी के लिए आवेदन दायर किया था, लेकिन इसे "विरोध से संबंधित" सामग्री के आधार पर अस्वीकार कर दिया गया।
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को कांग्रेस के "सेंसरशिप" के आरोपों का खंडन किया। उसने कहा कि उसे कांग्रेस के महाराष्ट्र यूनिट से एसएमएस भेजने से संबंधित कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ। ट्राई ने बिना कांग्रेस का नाम लिए X पर कहा, "2024 विधानसभा चुनाव कैसे चुराया गया, इस बारे में किसी राजनीतिक दल के महाराष्ट्र काडर को एसएमएस भेजने के लिए TRAI को कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ।"
उसने कहा कि यह आवेदन एक सर्विस प्रोवाइडर को पेश किया गया था, जिसने इसे नामंजूर कर दिया। ट्राई ने स्पष्ट किया, "इस प्रक्रिया में ट्राई किसी भी स्तर पर शामिल नहीं था। हकीकत ये है कि ट्राई व्यक्तिगत संदेश टेम्पलेट्स की मंजूरी नहीं देता।" ट्राई ने अपनी सफाई के साथ सर्विस प्रोवाइडर STPL द्वारा नामंजूरी दिखाने वाला एक स्क्रीनशॉट टैग किया।
ट्राई ने अपने पोस्ट में 'FactCheck' हैशटैग के साथ लिखा, "फोटो के अनुसार, यह स्पष्ट है कि इसे सर्विस प्रोवाइडर STPL ने नामंजूर किया था।"
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस घटना को "हास्यास्पद" बताया। टैगोर ने X पर लिखा, "जब कांग्रेस ने इस लिंक के साथ एक साधारण एसएमएस भेजने की कोशिश की, तो ट्राई ने इसे 'विरोध सामग्री' कहकर मंजूरी देने से इनकार कर दिया। इस सेंसरशिप को कौन नियंत्रित करता है? अमित शाह, अश्विनी वैष्णव, ज्ञानेश (कुमार)।"
उन्होंने एक कोऑर्डिनेटेड दमन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- "गृह मंत्रालय की निगरानी, रेलवे/दूरसंचार मंत्रालय कम्युनिकेशन को रोकता है, चुनाव आयोग मूक दर्शक बना हुआ है। अमित भाई, अगर महाराष्ट्र चुनाव चुराया नहीं गया, तो आप एक YouTube लिंक से इतना डर क्यों रहे हैं?"
टैगोर ने नियामक की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "कब से ट्राई बीजेपी का आईटी सेल बन गया? एसएमएस दबाने से सच्चाई नहीं दबेगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने से लोकतंत्र नहीं रुकेगा। जितना आप सेंसर करेंगे, लोग उतना ही जोर से पूछेंगे: आप महाराष्ट्र 2024 चुनावों के बारे में क्या छिपा रहे हैं?" उन्होंने मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी टैग किया।