loader

महाराष्ट्र: शिवसेना-एनसीपी बना सकते हैं सरकार, कांग्रेस देगी बाहर से समर्थन!

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही सियासी जोर-आजमाइश में हर पल नये समीकरण बनते दिख रहे हैं। बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर सहमति न बनते देख सवाल यह खड़ा हो गया है कि आख़िर सरकार कौन बनायेगा। लेकिन अब एक नयी तसवीर महाराष्ट्र की राजनीति में सामने आ रही है। अंग्रेजी अख़बार ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ (टीओआई) के मुताबिक़, एनसीपी के एक नेता ने नाम न जाहिर न करके की शर्त पर कहा है कि एनसीपी शिवसेना के साथ सरकार बनाने की इच्छुक है और कांग्रेस इस गठबंधन को बाहर से समर्थन दे सकती है। टीओआई के मुताबिक़, एनसीपी नेता ने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि शिवसेना बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ती है या नहीं।

एनसीपी नेता ने टीओआई से कहा, ‘हमने बीजेपी-शिवसेना के बीच 1995 वाला फ़ॉर्मूला आगे रखा है। तब मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास था जबकि उप मुख्यमंत्री का पद बीजेपी के पास था। हमने कहा है कि इस बार शिवसेना का कोई नेता मुख्यमंत्री हो सकता है और उप मुख्यमंत्री की कुर्सी एनसीपी के पास रहेगी।’ 

ताज़ा ख़बरें

बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही जुबानी जंग अब और तेज हो गई है। पहले शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लेख लिखकर बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस को निशाना बनाया तो अब बीजेपी ने अब 'तरुण भारत' नामक समाचार पत्र में संपादकीय के माध्यम से शिवसेना और संजय राउत को निशाना बनाया है। 'तरुण भारत' में छपे संपादकीय में संजय राउत की तुलना विक्रम-बेताल की कहानियों के किरदार बेताल से की गयी है तथा उन्हें विदूषक बताया गया है। 

महाराष्ट्र से और ख़बरें

बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 105 सीटें मिली हैं और वह सबसे बड़ा दल है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में सरकार का गठन जल्द ही होगा लेकिन सरकार बनाने की समय सीमा 8 नवंबर तक है और अब तक बीजेपी बहुमत के लिये ज़रूरी 145 विधायकों के आंकड़े से बहुत दूर है। फडणवीस ने सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात की थी और माना जा रहा है कि सरकार के गठन को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत ज़रूर हुई होगी। 

हाल ही में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने जब कहा था कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है, तभी से यह संकेत मिल रहे थे कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी में सरकार गठन को लेकर कोई बातचीत ज़रूर चल रही है।
शिवसेना को विधानसभा चुनाव में 56 सीटें मिली हैं और कांग्रेस के 44, एनसीपी के 54 और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन के भरोसे ही राउत ने 170 विधायकों के समर्थन की बात कही होगी। संजय राउत यह भी कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा। ऐसे में यह माना जा सकता है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी मिलकर सरकार बना सकते हैं और कांग्रेस इसे बाहर से समर्थन दे सकती है। 

सोमवार को जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाक़ात हुई थी तभी यह चर्चा थी कि सरकार गठन को लेकर कांग्रेस-एनसीपी, शिवसेना का साथ ले सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस-एनसीपी के पास इतनी सीटें नहीं हैं कि वे राज्य में सरकार बना सकें। पवार ने मुलाक़ात के बाद कहा था कि उन्हें सरकार गठन को लेकर उद्धव ठाकरे की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है लेकिन वह नहीं कह सकते कि भविष्य में क्या होगा। हालांकि पवार कह चुके हैं एनसीपी को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। 

संबंधित ख़बरें
बताया जा रहा है कि पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष से इस बारे में विचार करने के लिए कहा है कि क्या शिवसेना के साथ बनने वाली सरकार को कांग्रेस समर्थन देगी। इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी कहा था कि अगर शिवसेना की ओर से सरकार गठन को लेकर कोई प्रस्ताव आता है तो उसे आलाकमान को भेजा जायेगा। महाराष्ट्र के नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान तक यह संदेश भी पहुंचाया है कि कांग्रेस को बीजेपी को राज्य की सत्ता में आने से रोकने के लिए क़दम उठाने चाहिये। पिछले हफ़्ते ही महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोरात, पूर्व अध्यक्ष मानिक राव ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्रियों पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण ने सोनिया गाँधी से मुलाक़ात की थी।
जब पवार से पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह महाराष्ट्र के सीएम के रूप में वापस आ सकते हैं तो पवार ने इसका जवाब नहीं में दिया। पवार ने कहा था कि शिवसेना-बीजेपी के पास पर्याप्त सीटें हैं और उन्हें सरकार बनानी चाहिये। एनसीपी प्रमुख ने कहा था कि शिवसेना में उद्धव ठाकरे या अन्य किसी नेता ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी का समर्थन नहीं माँगा है। पवार ने कहा था कि हम देख रहे हैं कि वे क्या कर रहे हैं।

हालांकि टीओआई के मुताबिक़, एनसीपी के एक अन्य नेता ने कहा है कि पहले भी कई मौक़ों पर शिवसेना ने बीजेपी के ख़िलाफ़ पहले कड़ा रुख दिखाया लेकिन बाद में उसने सरेंडर कर दिया। एनसीपी नेता ने कहा कि पुराने अनुभव को देखते हुए शिवसेना की विश्वसनीयता पर संदेह होता है। 
देखना होगा कि क्या महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना मिलकर सरकार बनाते हैं और क्या कांग्रेस इस गठबंधन को बाहर से समर्थन देने के लिये राजी होती है क्योंकि ऐसी भी ख़बरें हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी शिवसेना को समर्थन नहीं देना चाहतीं।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें