केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जब 'मेक इन इंडिया' की सिफ़ारिश की है तो सरकारी विभाग ही विदेश से खरीद क्यों कर रहे हैं? क्या विदेशों से अलग-अलग पार्ट्स ख़रीदकर देश में एसेंबल व पैकिंग कर सप्लाई कर देने से 'मेक इन इंडिया' का मक़सद पूरा होता है? ये सवाल इसलिए कि महाराष्ट्र पुलिस ने पिछले सप्ताह अपनी एलीट कमांडो यूनिट 'फोर्स वन' के लिए अमेरिका निर्मित 15 बारेट मल्टी-रोल एडाप्टिव डिज़ाइन यानी एमआरएडी स्नाइपर राइफलों और इससे जुड़े सामान का ऑर्डर दिया है। यह ऑर्डर गृह मंत्रालय की उस सिफारिश के बावजूद की गई है, जिसमें राज्य पुलिस बलों को केंद्रीय सशस्त्र बलों की खरीद नीति का पालन करने और 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
महाराष्ट्र पुलिस ने अमेरिकी स्नाइपर राइफलों का ऑर्डर दिया; 'मेक इन इंडिया' किसके लिए?
- महाराष्ट्र
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- 1 Oct, 2025
महाराष्ट्र पुलिस ने अमेरिकी स्नाइपर राइफलों का बड़ा ऑर्डर दिया है। क्या यह 'मेक इन इंडिया' अभियान की भावना के विपरीत है?

फोटो साभार: एक्स/@BarrettRifles
फोर्स वन 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद आतंकवाद से निपटने के लिए स्थापित की गई थी। यह देश की तीसरी ऐसी फोर्स है जो अपने सैनिकों को इस अत्याधुनिक स्नाइपर राइफल से लैस कर रही है। राइफलों का आयात भारतीय कंपनी द्वारा पार्ट्स के रूप में किया जा रहा है, जो इन्हें यहां असेंबल और पैकिंग कर रही है। दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का दावा है कि यह प्रक्रिया 'मेक इन इंडिया' की ज़रूरतों को पूरा करती है। हालाँकि, जानकारों का कहना है कि यह आंशिक असेंबलिंग पूर्ण स्वदेशी उत्पादन से अलग है और आयात पर निर्भरता को कम नहीं करती।