शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर तहलका मचा दिया है। उन्होंने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार के चार मंत्रियों और कई सरकारी अधिकारियों को 'हनी ट्रैप' में फँसाया गया है। राउत ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के चार युवा सांसद भी इसी हनी ट्रैप के कारण एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और सबूत पेश करने की मांग की है।

संजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में मुंबई में पीड़ित बच्चों के यौन शोषण (POCSO) और हनी ट्रैप के मामलों में आरोपी प्रफुल्ल लोढ़ा की बीजेपी मंत्री गिरीश महाजन के साथ एक तस्वीर साझा की। राउत ने लिखा, 'मुख्यमंत्री देवेंद्रजी विधानसभा में भी दिशाभूल करते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हनी ट्रैप नहीं है। इस एक तस्वीर की सीबीआई जांच हो, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। चार मंत्री और कई अधिकारी फंस गए हैं। शिवसेना से टूटकर गए चार युवा सांसद (उस समय) इसी ट्रैप के कारण भाग गए।'
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राउत ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया, 'जिन सांसदों ने अविभाजित शिवसेना छोड़ी, उनमें से चार को हनी ट्रैप में फंसाया गया और दबाव डालकर उन्हें बीजेपी के साथ जाने के लिए मजबूर किया गया।' उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन यह इशारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की ओर था। राउत ने यह भी कहा कि हनी ट्रैप का यह खेल दिल्ली से शुरू हुआ और इसका इस्तेमाल महा विकास आघाडी यानी एमवीए सरकार को गिराने के लिए किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि चार मंत्रियों में से दो बीजेपी के हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

बीजेपी का पलटवार

राउत के इन आरोपों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने राउत को चुनौती देते हुए कहा, 'उन्हें डरना नहीं चाहिए। अगर उनके पास हनी ट्रैप से संबंधित कोई सबूत है, तो उन्हें सामने आकर इसे सार्वजनिक करना चाहिए। यह केवल सुर्खियों में बने रहने की सस्ती कोशिश है।' बावनकुले ने यह भी कहा कि सत्ता खोने के बाद विपक्षी महा विकास आघाडी के नेता जनता को गुमराह करने के लिए 'खुल्लमखुल्ला झूठ' फैला रहे हैं।

मुख्यमंत्री फडणवीस पर निशाना

राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फडणवीस ने पिछले सप्ताह विधानसभा में दावा किया था कि महाराष्ट्र में हनी ट्रैप के ज़रिए ब्लैकमेलिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है। राउत ने इसे झूठ करार देते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री ने सदन में गलत बयान दिया। मैंने सारे वीडियो देखे हैं। चार मंत्रियों को हनी ट्रैप में फंसाया गया है।' उन्होंने प्रफुल्ल लोढ़ा के मामले में सीबीआई जांच की मांग दोहराई।

कांग्रेस की भी थी मांग

राउत से पहले कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने भी विधानसभा में हनी ट्रैप का मुद्दा उठाया था। पटोले ने दावा किया था कि ठाणे, नासिक और मुंबई के मंत्रालय में तैनात सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाने वाला एक हनी ट्रैप रैकेट चल रहा है। उन्होंने इसकी जाँच के लिए सरकार से औपचारिक बयान देने की मांग की थी और कहा था कि उनके पास एक पेन ड्राइव में सबूत मौजूद हैं।
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प्रफुल्ल लोढ़ा का मामला

संजय राउत ने अपने आरोपों में प्रफुल्ल लोढ़ा का नाम विशेष रूप से लिया जो मुंबई में POCSO और हनी ट्रैप के मामलों में आरोपी है। ख़बरों के मुताबिक, पुलिस ने लोढ़ा के कई ठिकानों पर छापेमारी की है और चार पेन ड्राइव और दो सीडी की तलाश कर रही है। राउत ने दावा किया कि इनमें मौजूद सामग्री से हनी ट्रैप का सच सामने आ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि गिरीश महाजन और देवेंद्र फडणवीस को इस सामग्री की जानकारी है।

राउत ने यह भी आरोप लगाया कि हनी ट्रैप के जरिए 16-17 विधायकों और चार सांसदों को बीजेपी ने अपने पाले में किया। उन्होंने दावा किया कि इन लोगों को संबंधित सीडी दिखाई गई थीं, जिसके दबाव में वे शिवसेना छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए।
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राउत के इन आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीजेपी और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच पहले से ही तनाव चल रहा है और यह नया विवाद इस तनाव को और बढ़ा सकता है। बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे एमवीए की हताशा का परिणाम बताया, लेकिन राउत ने सीबीआई जाँच की मांग को और बल दिया है।

राउत के आरोपों के बाद अब गेंद महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी के पाले में है। यदि राउत अपने दावों के समर्थन में ठोस सबूत पेश करते हैं, तो यह मामला महायुति गठबंधन के लिए गंभीर संकट पैदा कर सकता है। दूसरी ओर, बीजेपी ने साफ़ कर दिया है कि बिना सबूत के ये आरोप केवल राजनीतिक शोर हैं।