यह एक छोटी सी बात लगती है लेकिन जब चुनाव की बात आएगी तो इसका बड़ा असर होगा, क्योंकि कोई भी मनुस्मृति को स्वीकार नहीं करेगा।
छगन भुजबल के तेवर देखकर अजीत पवार ने कहा- मेरी पार्टी तब तक मनुस्मृति को शामिल नहीं होने देगी जब तक वह सरकार का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ''मैं पहले ही स्कूल शिक्षा मंत्री से बात कर चुका हूं। हम किसी भी कीमत पर अपनी विचारधारा का त्याग नहीं करेंगे और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। मैंने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्पष्ट कर दी है।