देश में मॉब लिन्चिंग और असहिष्णुता की ख़बरों के बीच कोरोना महामारी के काल में दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तब्लीग़ी जमात का मामला मीडिया में जिस तरह से उठाया गया और उन्हें देश में कोरोना विस्फोट या 'कोरोना बम' कहकर जिस तरह से संबोधित किया जाने लगा, संक्रमण के मामलों को तब्लीग़ी और ग़ैर- तब्लीग़ी कहकर वर्गीकृत किया जाने लगा था, उसने 'रेडियो रवांडा' की याद ताजा कर दी थी।
धारावी में मौलानाओं-मौलवियों ने क्या किया कि कोरोना लगभग ख़त्म हो गया?
- महाराष्ट्र
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- 8 Oct, 2020

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए मुंबई महानगरपालिका के प्रयासों को सराहा। इस सफलता की कहानी के पीछे सिर्फ सरकारी तंत्र ही नहीं, सामाजिक और धार्मिक संस्थानों से जुड़े लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है