महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कई दिनों से रिलायंस जियो और रिलायंस वनतारा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। स्थानीय लोगों ने रविवार को एक बड़ी मौन रैली निकाली। यह सब एक हथिनी महादेवी उर्फ माधुरी के लिए हो रहा है। हाल ही में महादेवी को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर गुजरात के जामनगर स्थित प्राइवेट वनतारा चिड़ियाघर और पुनर्वास केंद्र में ट्रांसफर किया गया था। मौन मार्च का नेतृत्व पूर्व सांसद और स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता राजू शेट्टी ने किया। द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोल्हापुर के करीब डेढ़ लाख लोगों ने अपना नंबर जियो से दूसरी कंपनी पर पोर्ट कर लिया है।
लगभग 45 किलोमीटर की इस मौन मार्च में कोल्हापुर, सांगली और सतारा जिलों से 30,000 से अधिक लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रिलायंस वनतारा के खिलाफ विरोध जताते हुए जियो (रिलायंस समूह की टेलिकॉम कंपनी) का बहिष्कार किया। द हिन्दू के मुताबिक पिछले चार दिनों में, कोल्हापुर, सांगली और सतारा जिलों में 1.5 लाख से अधिक मोबाइल उपभोक्ताओं ने अपने नंबर अन्य नेटवर्क पर पोर्ट किए।
हथिनी महादेवी, जो 1992 से नांदणी के श्री जिनसेन भट्टारक पत्ताचार्य महास्वामी जैन मठ में थी, को उसकी खराब सेहत और मनोवैज्ञानिक तनाव के कारण वनतारा में भेजा गया था। पेटा (पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) ने 2022 से इस हाथिनी की स्थिति पर नजर रखी थी और 31 अक्टूबर 2023 को पर्यावरण और वन मंत्रालय की हाई पावर कमेटी (एचपीसी) के सामने शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में तस्वीरें, पशु चिकित्सा रिपोर्ट और रिकॉर्ड शामिल थे। जिसमें महादेवी की गंभीर शारीरिक चोटों और मनोवैज्ञानिक आघात को बताया गया था।
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने 16 जुलाई 2025 को महादेवी को वनतारा के राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को बरकरार रखा। अदालत ने माना कि हाथी के शारीरिक और मानसिक सेहत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विशेषज्ञ जांच में पाया गया कि महादेवी के पैरों में घाव, उगे हुए नाखून और सिर हिलाने के मनोवैज्ञानिक तनाव के लक्षण दिखाई दिए थे।
हालांकि, कोल्हापुर के स्थानीय लोग और जैन समुदाय इस ट्रांसफर को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं पर हमला मानते हैं। राजू शेट्टी ने कहा, “महादेवी को आंसुओं के साथ ले जाया गया। जहां उसे ले जाया गया है, वहां पहले से ही 225 हाथी हैं, फिर भी वे उसे चाहते थे क्योंकि वह सुंदर है।” कोल्हापुर के कांग्रेस विधान परिषद सदस्य सतेज पाटिल ने बताया कि 2 लाख से अधिक लोगों ने महादेवी की वापसी की मांग करने वाले फॉर्म पर हस्ताक्षर किए हैं, जिन्हें राष्ट्रपति कार्यालय को भेजा जाएगा।
वनतारा ने एक बयान में कहा कि वे जनभावनाओं का सम्मान करते हैं और उन्होंने यह कदम खुद नहीं उठाया, बल्कि अदालत के आदेश का पालन किया। उन्होंने कहा, “वनतारा किसी भी धर्म, क्षेत्र या परंपरा के विरोध में नहीं है, बल्कि उन मूक प्राणियों की सेवा में है जो मानवीय दया पर निर्भर हैं।” 
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वे इस मुद्दे पर मंगलवार को एक बैठक करेंगे और महादेवी को वापस लाने के कानूनी पहलुओं की जांच करेंगे। स्थानीय नेताओं और सांसदों, जैसे बीजेपी सांसद धनंजय महादिक और शिवसेना सांसद धैर्यशील माने, ने केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर महादेवी को वापस लाने की मांग की है।