हादसा-दर-हादसा, वही रिपोर्ट और वही जाँच के आदेश। परिणाम कुछ नहीं। मरता इंसान है और शासन का क्या, वह तो कल भी चल रहा था, आज भी चल रहा है और कल भी चलेगा। महानगर की इस भीड़ में इंसान की क़ीमत सिर्फ़ हादसों के चंद घंटों बाद ख़त्म हो जाती है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस वाला पुल गुरुवार को टूट गया और छह लोग मारे गये। हादसा तो 3 जुलाई, 2018 को मुंबई के अंधेरी में गोखले ब्रिज पर भी हुआ था। पुल का एक हिस्सा रेलवे ट्रैक पर गिर पड़ा था इस हादसे में किसी की जान नहीं गयी थी, रेल ड्राइवर ने ब्रिज के मलबे को गिरता देख आपातकालीन ब्रेक मार कर बड़ा हादसा बचा लिया। इसी साल 29 सितंबर को मुंबई में एक बेहद ही दर्दनाक हादसा हुआ था। परेल-एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन के बीच ओवर ब्रिज टूटने की अफ़वाह की वजह से 35 लोगों की मौत हो गई थी।