ख़बरों के मुताबिक़, 51 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल राजभवन पहुंचे हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने भी कहा है कि 49-50 विधायक अभी पार्टी के साथ हैं और 1-2 विधायक और वापस आ रहे हैं। भुजबल ने कहा है कि महाराष्ट्र में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाएंगे।
राजनीतिक घमासान के बीच सवाल यह उठ रहा है कि क्या बाग़ी नेता अजीत पवार पार्टी में वापस लौट सकते हैं। क्योंकि एनसीपी के विधायक दिलीप वलसे पाटिल अजीत पवार से मिलने पहुंचे हैं, इसके अलावा जयंत पाटिल ने भी कहा है कि वह अजीत पवार से मुलाक़ात कर उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे। अजीत पवार की मुश्किलें इससे भी बढ़ गई हैं क्योंकि पहले कहा जा रहा था कि उनके साथ 22 विधायक हैं लेकिन अब एनसीपी ने कहा है कि पार्टी के सभी विधायक वापस लौट आएंगे।
रविवार को ही शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि अजीत पवार फर्जी दस्तावेजों को राजभवन ले गए और राज्यपाल ने इन्हें स्वीकार भी कर लिया। राउत ने कहा, ‘अगर राज्यपाल हमसे आज भी बहुमत साबित करने को कहें तो हम कर सकते हैं। एनसीपी के 49 विधायक हमारे साथ हैं।’ राउत ने कहा, ‘बीजेपी राज्य में सरकार बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। बीजेपी और अजीत पवार ने यह ग़लत फ़ैसला लिया है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के 165 विधायक एकजुट हैं।’