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कोई शख्स तब खत्म हो जाता है जब वह लड़ना छोड़ देता है: गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर आपने किसी दोस्त का हाथ पकड़ा है तो उसे पकड़ कर रखिए और परिस्थितियों के अनुसार उगते सूरज की पूजा वाला काम मत कीजिए। गडकरी ने कहा कि मानवीय संबंध सबसे बड़ी चीज है। गडकरी अपने गृह नगर नागपुर में कारोबारियों से बातचीत कर रहे थे।

बताना होगा कि गडकरी को हाल ही में बीजेपी के संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया था। इसके साथ ही उन्हें बीजेपी की नई चुनाव समिति में भी जगह नहीं दी गई थी। तब यह सवाल उठा था कि आखिर नितिन गडकरी को बीजेपी की इन दो सबसे बड़ी संस्थाओं से बाहर रखने की वजह क्या है। 

क्या उन्हें उनके बेहद मुखर होने की वजह से संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से बाहर रखा गया है?

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‘लड़ना चाहिए’

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के एक बयान का हवाला देते हुए गडकरी ने कहा कि कोई शख्स तब खत्म नहीं होता, जब वह हार जाता है बल्कि तब खत्म हो जाता है जब वह लड़ना छोड़ देता है। गडकरी ने कहा कि लड़ना चाहिए।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके गडकरी ने कहा कि अहंकार और आत्मविश्वास में अंतर है। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास होना चाहिए, सकारात्मकता होनी चाहिए लेकिन अहंकार नहीं होना चाहिए। 

पिछले 8 सालों में देशभर में एक्सप्रेस वे, हाईवे का जाल बिछाकर बीजेपी के साथ ही विरोधी राजनीतिक दलों की भी तारीफ बटोरने वाले गडकरी ने कहा कि सबसे अहम बात यह है कोई भी परफेक्ट नहीं है और कोई इस बात का दावा भी नहीं कर सकता कि वह परफेक्ट है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अच्छाई व क्वालिटी पर किसी का पेटेंट नहीं है। 

गडकरी उन मंत्रियों में शुमार हैं जिनका मोदी सरकार के पिछले 8 सालों में ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। गडकरी सड़कों को लेकर अपने विजन और इस मामले में अपनी बेहतर समझ के लिए जाने जाते हैं।

गडकरी ने बातचीत में कहा कि जब वह छात्र नेता थे तो एक बार उनसे किसी ने कहा कि तुम अच्छे व्यक्ति हो लेकिन गलत राजनीतिक दल में हो और कांग्रेस में आ जाओ। गडकरी ने कहा कि उन्होंने इसका जवाब यह कह कर दिया कि वह कुएं में जान दे देंगे लेकिन कांग्रेस में नहीं आएंगे। 

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साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी नितिन गडकरी ने कई बयान दिए थे। इन बयानों को लेकर यह चर्चा हुई थी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह को आइना दिखाना चाहते हैं। हालांकि इन पर विवाद होने के बाद उन्होंने सफाई भी दी थी। 
हाल ही में गडकरी ने उनके कुछ बयानों को गलत ढंग से पेश करने का आरोप लगाते हुए चेताया था।

गडकरी बेहद शांत ढंग से अपनी बात कहने वाले नेता माने जाते हैं। उन्होंने उगते सूरज की पूजा करने और अहंकार व आत्मविश्वास में अंतर जैसी बातें कहकर यह संदेश जरूर दिया है कि वह आने वाले कुछ महीनों तक बोलते रहेंगे।

लोकसभा चुनाव 2024 में अब डेढ़ साल का वक्त बचा है, ऐसे में गडकरी अपने इस तरह के बयानों के जरिए क्या एक बार फिर मोदी-शाह की जोड़ी को निशाने पर ले रहे हैं, यह सवाल उनके इस तरह के बयानों के सामने आने के बाद बार-बार खड़ा होता रहेगा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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