loader

पीएम सुरक्षा मामला- क्या सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो गए हैं नड्डा? : एनसीपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में एनसीपी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा पर हमला बोला है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता नवाब मलिक ने नड्डा को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि जब प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो ऐसे में नड्डा द्वारा पंजाब पुलिस को जिम्मेदार मानना और सुरक्षा में चूक को लेकर दबाव बनाना ठीक नहीं है। नड्डा समेत सभी बीजेपी के नेताओं को पहले जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए ना कि उससे पहले ही अपना फैसला दे देना चाहिए। क्या नड्डा सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो गए हैं क्या? सुप्रीम कोर्ट आज पीएम की सुरक्षा से जुड़े इस मामले में फैसला सुना सकता है।

जैसे-जैसे पांच राज्यों में चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक पार्टियां भी अपनी अपनी रोटियां सेकने में लगी हुई हैं। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। 

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा का मामला एक बार फिर से उठाने से यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है।

ताज़ा ख़बरें

जेपी नड्डा द्वारा पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर पंजाब पुलिस द्वारा सही समय पर कार्रवाई ना करने और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को उचित आदेश नहीं दिए जाने की बात सामने आने पर पंजाब की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था। इसके बाद अब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता नवाब मलिक ने पांच राज्यों में घोषित हुए चुनाव के बाद इस मुद्दे को फिर से तूल देने पर नड्डा को कटघरे में खड़ा किया है।

नवाब मलिक का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है और वह कमेटी जांच कर रही है तो ऐसे में बीच जांच में ही सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को मानते हुए किसी पार्टी या फिर पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाना सही नहीं है। 

मलिक का कहना है कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है और ऐसे में किसी व्यक्ति विशेष द्वारा जांच से पहले ही फैसला दे देना सुप्रीम कोर्ट का अपमान है।

इससे पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर बयान दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर शरद पवार ने कहा था कि प्रधानमंत्री पूरे देश के पीएम हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है बहुत जल्द यह कमेटी तय करेगी कि आखिर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक कैसे हुई। राजनीतिक पार्टियों को इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए।

PM Modi security breach NCP attacks BJP - Satya Hindi

नड्डा के आरोप

उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से खिलवाड़ करना कांग्रेस की एक सोची समझी साजिश थी। नड्डा ने कहा था कि पंजाब पुलिस को पहले से ही किसानों के प्रदर्शन की जानकारी थी लेकिन पंजाब पुलिस में समय रहते हुए रास्ते को खाली नहीं कराया जिसके चलते प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। 

नड्डा ने पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा की उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को जानबूझकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार्रवाई करने का कोई आदेश नहीं दिया था। 

नड्डा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और दूसरे अन्य कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मुद्दे को यह नेता मजाक बना रहे हैं।

महाराष्ट्र से और खबरें

आपको बता दें कि 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर दौरे के दौरान पीएम मोदी के काफिले को किसानों के प्रदर्शन के चलते रोक दिया गया था। पीएम का काफिला करीब 15 से 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा जब मामले का कोई हल नहीं निकला तो पीएम मोदी को वहां से वापस लौटना पड़ा था। पंजाब में हुई इस घटना के बाद से कई राजनीतिक दलों ने ऐसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ एक बड़ी चूक भी बताया था। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट के पहुंच गया था जिस पर आज फैसला आ सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कमेटी का भी गठन किया था जो प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की जांच कर रही है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें