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पुणे में मंगलवार को बंद का खासा असर हुआ है।

गवर्नर कोश्यारी के खिलाफ आज पुणे बंद, 17 को मुंबई में मार्च

छत्रपति शिवाजी पर विवादित टिप्पणी करने वाले महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ आज मंगलवार को पुणे पूरी तरह बंद है। इसके तहत शहर के बाजार, स्कूल और आॉटो आदि सब बंद हैं। इसका आह्वान एनसीपी ने मुख्य रूप से किया था। लेकिन बाद में इस अन्य राजनीतिक दलों और कारोबारियों के संगठन ने समर्थन दिया था। इस बीच गवर्नर को लेकर दिल्ली से मुंबई तक दबाव बढ़ गया है। महा विकास अघाड़ी ने 17 दिसंबर को मुंबई में कोश्यारी के खिलाफ मार्च निकालने की घोषणा की है। बीजेपी के सांसद तक कोश्यारी को हटाने की मांग कर रहे हैं। 

एक प्रमुख मराठा संगठन संभाजी ब्रिगेड, कई अन्य संगठनों और विपक्षी दलों ने "सर्वधर्मीय शिवप्रेमी पुणेकर" के बैनर तले मंगलवार को बंद के तहत मौन मार्च निकाला। बंद का आह्वान संभाजी ब्रिगेड, एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने किया है।

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इस बंद को मार्केट एसोसिएशन और ऑटो यूनियन के समर्थन देने से जबरदस्त कामयाबी मिल रही है। संभाजी ब्रिगेड ने कहा है कि जब तक कोश्यारी को हटा नहीं दिया जाता है, तब तक पूरे महाराष्ट्र में उनके खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा। एनसीपी और शिवसेना ठाकरे गुट के नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेतृत्व गवर्नर कोश्यारी को संरक्षण दे रहा है।

इस बीच एमवीए नेता और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को घोषणा की है कि 17 दिसंबर को कोश्यारी के खिलाफ महाविकास अघाड़ी का मार्च जीजामाता उद्यान से शुरू होकर आजाद मैदान तक जाएगा। उन्होंने अपील की है कि जो महाराष्ट्र से प्यार करते हैं और इसके महापुरुषों की इज्जत करते हैं, उन सभी को इस मार्च में शामिल होना चाहिए। जिस तरह शिंदे सरकार महाराष्ट्र के महापुरुषों की बेइज्जती कर रही है, उसे बहुत अधिक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
बता दें कि शिंदे सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर चिंचवाड़ में स्याही फेंकी गई थी। पाटिल पर बाबा साहब आंबेडकर और फुले के खिलाफ विवादित टिप्पणी का आरोप है। हालांकि पाटिल ने उसके लिए अब माफी मांग ली है। लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। पुलिस ने स्याही फेंकने के कथित आरोप में संभाजी ब्रिगेड के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक टीवी चैनल के पत्रकार को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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गवर्नर कोश्यारी ने क्या कहा था

19 नवंबर को राज्यपाल कोश्यारी ने औरंगाबाद स्थित बाबा साहब मराठवाड़ा आंबेडकर यूनिवर्सिटी में शिवाजी को पुराने युग का आदर्श बताते हुए नितिन गडकरी को नए युग का आदर्श बता दिया। इसी प्रोग्राम में गडकरी और शरद पवार को डीलिट की उपाधि से सम्मानित भी किया। दोनों ने कोश्यारी के बयान पर उस कार्यक्रम में तो कुछ नहीं कहा लेकिन बाद में शरद पवार ने इसे महाराष्ट्र और शिवाजी का अपमान बताते हुए मुद्दा बना दिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे की पार्टी और उसके सांसद संजय राउत ने इस पर बयान देना शुरू किया। कांग्रेस के नाना पटोले और बाकी नेता भी खुलकर आ गए। बीजेपी के राज्यसभा सांसद उदयनराजे भोंसले भी अब कोश्यारी हटाओ मुहिम में शामिल हो गए हैं।
कोश्यारी ने इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। अब आप (शाह) मार्गदर्शन करें कि मुझे क्या करना चाहिए। बहरहाल, बीजेपी में उनके इस्तीफे का इंतजार हो रहा है।
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क़मर वहीद नक़वी
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