महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के समर्थकों ने मुंबई के पास पनवेल में एक डांस बार में तोड़फोड़ की। यह घटना शुक्रवार देर रात को हुई, जब मनसे कार्यकर्ताओं ने नाइट राइडर्स बार पर हमला किया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दर्जनभर से अधिक लोग लाठियों के साथ बार में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने बार के अंदर घुसकर फर्नीचर तोड़ा, शराब की बोतलें फोड़ीं और पूरे इंटीरियर को तहस-नहस कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दिख रहा है कि टेबल तोड़े गए, कांच के गिलास चकनाचूर किए गए और बार की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया। यह हमला राज ठाकरे के उस भड़काऊ भाषण के बाद हुआ, जो उन्होंने पनवेल में किसान मजदूर पार्टी की सभा में दिया था।

राज ठाकरे का भड़काऊ भाषण 

राज ठाकरे ने अपने भाषण में रायगढ़ जिले में डांस बार्स के संचालन पर सवाल उठाए और इसे छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी रायगढ़ के लिए अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा, "रायगढ़ जिले में सबसे ज्यादा डांस बार हैं। इन्हें बंद किया गया था, है ना? इतने सारे डांस बार रायगढ़ में, क्या ये सिर्फ मराठी लोगों के हैं? अगर आपको यहां से निकाला जा रहा है, तो आपको डांस बार्स की आदत डालकर फंसाया जा रहा है। यह हमारा रायगढ़ है, छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी थी।"
उनके इस भाषण ने मनसे कार्यकर्ताओं को भड़काया, जिसके बाद देर रात करीब 12 बजे कार्यकर्ताओं ने नाइट राइडर्स बार पर हमला कर दिया। मनसे नेता संदीप देशपांडे ने इस कार्रवाई को "प्रतीकात्मक विरोध" करार दिया और कहा, "यह एक प्रतीकात्मक विरोध है, ये बार अवैध हैं, इसलिए इसे तुरंत करना पड़ा। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।"
पुलिस ने इस घटना का संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान इकट्ठा कर रही है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है।

भाषा विवाद और तनाव 

यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब महाराष्ट्र में मराठी भाषा और गैर-मराठी लोगों के बीच तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने वाले लोगों पर कई हमले किए हैं, जिनमें ठाणे में एक दुकानदार और नांदेड़ में एक शौचालय कर्मचारी पर हमला शामिल है। राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं की इन हरकतों का समर्थन करते हुए कहा है कि वे मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए ऐसा कर रहे हैं।

विवादित मनसे

मनसे का इतिहास हिंसक प्रदर्शनों और मराठी अस्मिता के नाम पर हमलों से भरा रहा है। राज ठाकरे ने बार-बार अपने भाषणों में मराठी गौरव को बढ़ावा देने के लिए हिंसा का समर्थन किया है। इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
पिछले कुछ वर्षों में, मनसे कार्यकर्ताओं ने गैर-मराठी लोगों, खासकर उत्तर भारतीयों, के खिलाफ कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है। इनमें दुकानदारों, रेहड़ी-पटरी वालों और अन्य मजदूरों पर हमले शामिल हैं, जिन्हें मराठी न बोलने या स्थानीय संस्कृति का पालन न करने के लिए निशाना बनाया गया। इस तरह की घटनाओं ने मनसे को लगातार विवादों के केंद्र में रखा है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक हिंसा का यह सिलसिला सामाजिक सौहार्द और आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बन रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था को चुनौती देती हैं, बल्कि राज्य में निवेश और पर्यटन को भी प्रभावित कर सकती हैं। विपक्षी दलों ने सरकार से मांग की है कि वह ऐसी हिंसक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करे और भीड़तंत्र को रोके।