राज ठाकरे की उद्धव ठाकरे के साथ सियासी लड़ाई जगजाहिर है। राज ठाकरे ने शिवसेना संस्थापक और अपने चाचा बालासाहेब ठाकरे के द्वारा उद्धव ठाकरे को अपना सियासी उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद अपनी राहें अलग कर ली थी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था।
एकनाथ शिंदे गुट के द्वारा जबरदस्त झटका दिए जाने के बाद उद्धव ठाकरे बेहद कमजोर पड़ गए हैं। राष्ट्रपति के चुनाव में उन्हें एकनाथ शिंदे गुट के दबाव में आकर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना पड़ा। कई विधायक, पार्षद शिंदे गुट के साथ आ चुके हैं और सांसद भी उनके संपर्क में हैं।