शरद पवार की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन उसका मानना है कि चुनाव आयोग के एक फ़ैसले से उसका प्रदर्शन और भी बेहतर हो सकता था। इसका कहना है कि इसको मिला चुनाव चिह्न तुतारी यानी तुरही निर्दलीय उम्मीदवारों को भी आवंटित किया जाता रहा है और इस वजह से उसको लोकसभा चुनाव में नुक़सान हुआ है।