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'घर वापसी' का सपना दिखाया, पर कश्मीरी पंडित मारे जा रहे: उद्धव

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों का समर्थन करेगा और उनके पीछे दृढ़ता से खड़ा है। उन्होंने कश्मीरी पंडितों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। इसके साथ ही उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी पर यह कहते हुए निशाना साधा कि कश्मीरी पंडितों को बेहतर हालात का सपना दिखाया गया था, लेकिन वास्तव में उनके हालात और बदतर होते जा रहे हैं।

शिवसेना नेता ने आगे कहा कि उनको घर वापसी यानी उनके कश्मीर घाटी में पुनर्वास का वादा किया गया था, लेकिन वादे पूरे नहीं किए गए। पीटीआई ने मुख्यमंत्री द्वारा जारी एक बयान के हवाले से कहा है, "कश्मीरी पंडितों को ‘घर वापसी’ (घाटी में पुनर्वास) का सपना दिखाया गया था, लेकिन उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और मार दिया जा रहा है। पंडितों का पलायन चौंकाने वाला है।"

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ठाकरे ने कहा, '1995 में बाल ठाकरे और तत्कालीन राज्य सरकार ने कश्मीरी पंडितों को शिक्षा में आरक्षण दिया। हम कश्मीरी पंडितों के नेताओं के संपर्क में हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं उनकी मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगा।'

मुख्यमंत्री कार्यालय ने ठाकरे के हवाले से कहा है, 'कश्मीरी पंडितों के लिए जो भी संभव होगा, हम करेंगे, हम उन्हें अधर में नहीं छोड़ेंगे। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में, मैं केवल यह वादा कर सकता हूं कि इस कठिन समय में महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।'

उनका यह बयान तब आया है जब जम्मू और कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में नागरिकों पर हमलों में वृद्धि हुई है। तीन महीनों में कम से कम 13 लोगों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में आतंकवादियों ने मार डाला है। इसके बाद कई कश्मीरी पंडित कथित तौर पर अपने परिवारों के साथ घाटी छोड़ रहे हैं।

जम्मू में स्थानांतरण की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों के साथ कश्मीरी पंडित कश्मीर में बेहतर सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी जम्मू-कश्मीर में टार्केट किलिंग पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'कश्मीर की स्थिति काफी चिंताजनक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्थिति बार-बार पैदा हो रही है। हम भारत सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की उम्मीद करते हैं।'

ऐसे हालातों के बीच ही दो दिन पहले केंद्र सरकार ने शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह की उपस्थिति में अमरनाथ यात्रा पर भी चर्चा की। यह यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है।
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क़मर वहीद नक़वी
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