अजित पवार शुक्रवार को सिंधु दुर्ग के राजकोट किले में। यहीं पर शिवाजी की प्रतिमा ढह गई थी।
मूर्ति के ढहने से महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। प्रतिमा क्यों गिरी इसका पता लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने यह भी बताया कि इस परियोजना को भारतीय नौसेना द्वारा देखा गया था।
इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह मराठा योद्धा के पैरों पर सिर रखकर प्रतिमा ढहने के लिए 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने विपक्षी दलों से इस मामले में ''राजनीति नहीं खेलने'' की भी अपील की।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सदस्यों ने इस घटना पर पूरे महाराष्ट्र में मौन विरोध प्रदर्शन किया। इस पर शिंदे सेना ने आपत्ति जताई। अब महायुति में इस मुद्दे पर मतभेद उभर आए हैं।