महाराष्ट्र की सियासत में चल रहे तमाम दाँव-पेचों के बीच राजनीति के पुराने खिलाड़ी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने लोगों को हैरत में डाल रखा है। 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शरद पवार के बयानों, सियासी तिकड़मों ने आम लोगों, राजनीतिक विश्लेषकों को इस कदर उलझा दिया है कि वे भी यह बता पाने में समर्थ नहीं हैं कि महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनेगी या नहीं। यह पवार के सियासी कौशल का ही नतीजा था कि शिवसेना को बीजेपी के साथ 30 साल पुराना गठबंधन तोड़कर और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़कर कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने के लिए आगे आना पड़ा।
महाराष्ट्र: पवार के बयानों पर मत जाइए, पर्दे के पीछे जारी है ‘खेल’
- महाराष्ट्र
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- 19 Nov, 2019
महाराष्ट्र की सियासत में चल रहे तमाम दाँव-पेचों के बीच राजनीति के पुराने खिलाड़ी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने लोगों को हैरत में डाल रखा है।

कभी राज्य में इन तीनों दलों की स्थिर सरकार और इसके पूरे 5 साल तक चलने का दावा करने वाले पवार सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मिले। मुलाक़ात के बाद हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जब उन्होंने यह कहा कि सोनिया गाँधी के साथ सरकार गठन को लेकर कोई बातचीत ही नहीं हुई है तो पत्रकारों के साथ टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर उन्हें सुन रहे लोग भी अवाक रह गए।