loader

उद्धव को झटका, ठाणे नगर निगम के पार्षद आए शिंदे के साथ

महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका लगा है। ठाणे नगर निगम में शिवसेना के 67 में से 66 पार्षद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के साथ आ गए हैं। इस गुट के पार्षदों ने बुधवार रात को बैठक की और उसके बाद शिंदे गुट के साथ आने का एलान किया।

बीएमसी यानी बृहन्मुंबई महानगरपालिका के बाद ठाणे नगर निगम को सबसे ताकतवर नगर निगम माना जाता है।

ठाणे से आते हैं शिंदे 

यहां याद दिलाना जरूरी होगा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे नगर निगम में बतौर पार्षद ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। ठाणे, कल्याण और डोंबिवली के इलाकों में एकनाथ शिंदे गुट का जबरदस्त असर है और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे कल्याण सीट से लोकसभा के सांसद हैं।

ताज़ा ख़बरें

सांसदों के पलटने का खतरा

उद्धव ठाकरे गुट को अब सांसदों की बगावत का भी डर सता रहा है। इसे देखते हुए ही शिवसेना की ओर से लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर कहा गया है कि अब भावना गवली की जगह राजन विचारे लोकसभा में चीफ व्हिप होंगे।

Thane Municipal Corporation Shivsena corporators revolt - Satya Hindi
महा विकास आघाडी सरकार में मंत्री रहे और बागी विधायक गुलाबराव पाटिल ने कहा कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद उनके साथ हैं और चार सांसदों से वह व्यक्तिगत रूप से मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि 22 पूर्व विधायक भी उनके साथ हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का एलान किया है।

मुर्मू का समर्थन करने की मांग 

शिवसेना के लोकसभा सांसद राहुल शेवाले ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि पार्टी के सभी सांसद एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें। लेकिन उद्धव ठाकरे चूंकि महा विकास आघाडी के साथ हैं ऐसे में वह बेहद मुश्किल में फंस गए हैं क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी कुछ विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ हैं।

उधर, फडणवीस और एकनाथ शिंदे का गुट कैबिनेट विस्तार की तैयारियों में जुटा हुआ है लेकिन उद्धव ठाकरे गुट की नजर 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर है।

महाराष्ट्र से और खबरें

शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई

अगर सुप्रीम कोर्ट से एकनाथ शिंदे गुट को राहत मिल जाती है तो निश्चित रूप से शिवसेना पर कब्जे की यह लड़ाई और तेज होगी और इसका फैसला चुनाव आयोग में होगा कि शिवसेना पर किसका नियंत्रण है। 

लेकिन उद्धव ठाकरे और उनके करीबियों के लिए आने वाले दिन बेहद मुश्किल भरे होने वाले हैं क्योंकि एकनाथ शिंदे का गुट लगातार ताकतवर होता जा रहा है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें