शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 'वोट चोरी' को लेकर सोमवार को सत्तारूढ़ बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र में मतदाता सरकार चुनते हैं, लेकिन आज स्थिति उलट हो गई है और सरकार ही मतदाताओं को चुन रही है। उन्होंने बीजेपी पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया और चुनाव आयुक्त के खिलाफ 'फर्जी मतदाताओं' के ज़रिए भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की मांग की।

उद्धव ठाकरे मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उनका यह बयान उसी दिन आया है जिस दिन चुनाव आयोग ने पूरे देश भर के लिए एसआईआर शुरू करने की घोषणा की है। चुनाव आयोग ने 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 28 अक्टूबर से एसआईआर की घोषणा की है और इसमें महाराष्ट्र शामिल नहीं है। ऐसा तब है जब उद्धव ठाकरे पिछले साल चुनाव से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी किए जाने के आरोप लगा रहे हैं और मतदाता सूची को सही करने की मांग कर रहे हैं।
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महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले SIR नहीं?

कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की व्यस्तता का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से मतदाता सूचियों के एसआईआर कार्यक्रम को जनवरी 2026 तक स्थगित करने की सिफारिश की थी। और अब सोमवार को घोषित राज्यों में महाराष्ट्र का नाम नहीं है, जबकि केरल में एसआईआर की घोषणा की गई है। हालाँकि, चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोमवार को कहा कि केरल में स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी नहीं हुई है, इसलिए एसआईआर की घोषणा की गई है।

महाराष्ट्र में मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा पहले भी कई बार उठ चुका है, और विपक्षी दल लगातार इस पर सवाल उठा रहे हैं। यही सवाल उद्धव ने सोमवार को भी उठाया। ठाकरे ने कहा, 'लोकतंत्र में मतदाता सरकार को चुनते हैं, लेकिन आज बीजेपी ने इस परंपरा को उलट दिया है। वे मतदाताओं को चुन रहे हैं और फर्जी मतदाताओं के जरिए वोट चोरी कर रहे हैं। फर्जी मतदाताओं के मामले में निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज होना चाहिए।'

उद्धव ने चेतावनी दी कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद केंद्र में सरकार बनती है तो चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई होगी और उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

ठाकरे ने कहा, 'मैं निर्वाचन आयोग को स्पष्ट कहना चाहता हूं कि जब तक मतदाता सूची को पूरी तरह साफ नहीं किया जाता, महाराष्ट्र में चुनाव नहीं होने चाहिए।'

पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने बीजेपी के 'आत्मनिर्भर भारत' के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी खुद को आत्मनिर्भर बीजेपी बनाने में नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी दूसरी पार्टियों को तोड़ने और वोट चोरी करने की रणनीति पर निर्भर है। ठाकरे ने बीजेपी को 'स्वयंभू देशभक्तों का फर्जी गिरोह' करार देते हुए कहा, 'ये लोग देशभक्ति का दम भरते हैं, लेकिन उनकी हरकतें लोकतंत्र को कमजोर कर रही हैं।'
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ठाकरे ने बीजेपी पर अन्य पार्टियों को तोड़ने का आरोप दोहराया। उन्होंने शिवसेना के विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी ने उनकी पार्टी को कमजोर करने के लिए अनैतिक तरीके अपनाए। 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के एक बड़े गुट ने बगावत कर दी थी, जिसके बाद ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। ठाकरे ने इसे राजनीतिक चोरी करार देते हुए बीजेपी पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया।

मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा

ठाकरे ने मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि फर्जी मतदाताओं को शामिल करके बीजेपी लोकतंत्र की नींव को खोखला कर रही है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को पूरी तरह से साफ किया जाए। ठाकरे ने जोर देकर कहा, 'जब तक मतदाता सूची में सुधार नहीं होता, महाराष्ट्र में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है।'
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उद्धव ठाकरे का यह बयान महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आया है, जहां शिवसेना यूबीटी और बीजेपी के बीच तीखी राजनीतिक जंग छिड़ी हुई है। ठाकरे की शिवसेना यूबीटी महाविकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) शामिल हैं। दूसरी ओर, बीजेपी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के एनसीपी गुट के साथ महायुति गठबंधन में है।

उद्धव ठाकरे का यह बयान न केवल बीजेपी और निर्वाचन आयोग पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म देता है। मतदाता सूची में पारदर्शिता और निष्पक्ष चुनाव की मांग के साथ ठाकरे ने बीजेपी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।