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राज्यपाल कोश्यारी को नहीं हटाया तो संग्राम होगा: उद्धव

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के ऊपर दिए गए बयान पर राजनीति ख़त्म होती हुई दिखाई नहीं दे रही है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को धमकी दी है कि अगर अगले 4 दिनों में भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल के पद से नहीं हटाया गया तो फिर महाराष्ट्र में शिवसेना अपने स्टाइल में काम करना शुरू करेगी। इससे पहले शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में जो बयान दिया वह ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान है। बड़े पद पर बैठे व्यक्ति को छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में बयान देने की जवाबदेही होनी चाहिए। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता राज्यपाल द्वारा दिए गए बयान से काफ़ी नाराज़ है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर महाराष्ट्र में लगातार हंगामा जारी है। सभी राजनीतिक दल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर नाराज़गी जता रहे हैं। 

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार ने भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल के पद से नहीं हटाया तो फिर महाराष्ट्र में शिवसेना बड़ा आंदोलन करेगी। उद्धव ठाकरे ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिन शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र की जनता देवता के रूप में पूजती है आख़िरकार भगत सिंह कोश्यारी ने कैसे अपमान कर दिया। ठाकरे ने कोश्यारी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी उन लोगों को भी राज्यपाल बना देती है जिन्हें वाक़ई में वृद्धा आश्रम में होना चाहिए। ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर अगले 4 दिनों में कोश्यारी को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से नहीं हटाया गया तो फिर शिवसेना अपनी भाषा में जवाब महाराष्ट्र की सड़कों पर देगी।

उधर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोलते हुए कहा है कि उनके बयान से महाराष्ट्र की जनता की भावनाएँ दुखी हैं। उन्होंने कहा कि कोश्यारी को माफ़ी मांगनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है। 

शरद पवार ने कहा कि किसी भी मर्यादित पद पर बैठे हुए व्यक्ति से इस तरह के बयान की अपेक्षा नहीं की जा सकती। पवार ने कहा कि पद पर बैठे व्यक्ति की जवाबदेही तय होती है इसलिए उन्हें इस तरह के बयानों से बचना चाहिए।
शरद पवार ने कहा कि ऐसा पहला मौक़ा नहीं है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र की जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। इससे पहले भी उन्होंने ऐसे कई बयान दिए हैं जिससे महाराष्ट्र की जनता में पहले से ही काफ़ी ग़ुस्सा है।

पवार ने कहा कि इससे पहले भी भगत सिंह कोश्यारी ने सावित्री बाई फुले और मराठी गुजरातियों के ऊपर विवादास्पद बयान दिया था। जिसके बाद से बीजेपी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया था। यही कारण था कि कोश्यारी को बैकफुट पर आना पड़ा था और महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी पड़ी थी। गुजरात में चुनाव के दिन महाराष्ट्र में छुट्टी किए जाने पर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पड़ोस के राज्य में चुनाव हो रहा है और महाराष्ट्र में छुट्टी का ऐलान किया गया है। इससे साफ़ जाहिर होता है कि गुजरात में बीजेपी की हालत सही नहीं है। यही कारण है कि उन्होंने महाराष्ट्र में रहने वाले गुजराती वोटर्स को लुभाने के लिए इस तरह का फ़ैसला किया है।

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शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के बिहार दौरे पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाक़ात पर शरद पवार ने कहा कि यह अच्छी बात है कि आदित्य ठाकरे उनसे मिलने के लिए बिहार गए थे। इससे साफ़ जाहिर होता है कि शिवसेना के रिश्ते दूसरे राज्यों में भी अच्छे हो रहे हैं। क्या विपक्षी दलों को इकट्ठा होना चाहिए, इस सवाल पर शरद पवार ने कहा कि सभी विपक्षी दलों की यही भूमिका है कि बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया जाए। यही कारण है कि हमारी सभी की कोशिश है कि एक साथ मिलकर बीजेपी से मुकाबला किया जाए।

श्रद्धा वालकर मर्डर मामले पर मौजूदा महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार को यह देखने की बजाय की पिछली सरकार में क्या हुआ था उन्हें महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर नजर रखनी चाहिए। बीजेपी ने श्रद्धा वालकर हत्याकांड पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जब श्रद्धा ने साल 2020 में ही पुलिस को अपनी हत्या होने की जानकारी पुलिस को दे दी थी तो फिर पुलिस ने आखिरकार कार्रवाई क्यों नहीं की थी?

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सोमदत्त शर्मा
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