loader

नैतिकता के आधार पर जैसा मैंने किया था, शिंदे भी इस्तीफा दें: उद्धव

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के गिरने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे खेमे को आइना दिखाया है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सत्ता में आने के लिए लोकतंत्र की हत्या की थी और उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। उद्धव ने कहा कि नैतिकता का तकाजा है कि शिंदे इस्तीफ़ा दे दें जैसा कि उन्होंने खुद किया था।

उद्धव की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब पिछले साल शिवसेना में विद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फ़ैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि तत्कालीन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाने का फैसला कानून के अनुसार सही नहीं था। इसने यह भी कहा कि शिंदे का भरत गोगावाले को शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय अवैध था, केवल स्पीकर और राजनीतिक दल द्वारा चुने गए नेता ही व्हिप जारी कर सकते हैं।

ताज़ा ख़बरें

हालाँकि इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में बहाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना स्वेच्छा से पद से इस्तीफा दे दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, 'लोकतंत्र की हत्या के बाद एकनाथ शिंदे जीते। उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।'

हालाँकि, इस सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद शिंदे खेमे ने भी फ़ैसले को अपनी जीत बताया है। शिंदे ने कहा है, 'यह बालासाहेब ठाकरे के विजन, शिवसेना की सोच और हमारी सरकार के लिए आम लोगों की भावनाओं की जीत है। यह जनता द्वारा चुनाव में दिए गए जनादेश की सफलता है। और बालासाहेब ठाकरे की सोच के अनुसार, जिन लोगों ने परेशान करने की कोशिश की, उन्हें आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश से करारा जवाब दिया गया है।' 
uddhav thackeray says eknath shinde should resign after sc order - Satya Hindi

उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'यह लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट हैं।' 

उन्होंने कहा, 'आज महा विकास अघाड़ी की साजिश नाकाम हो गई है। अब, किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से कानूनी है।' 

महाराष्ट्र से और ख़बरें

जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले को दोनों दलों ने अपने-अपने पक्ष में भुनाना शुरू कर दिया है। अदालत के फ़ैसले को दोनों खेमे अपनी-अपनी जीत इसलिए बता रहे हैं कि अगले साल जब चुनाव होंगे तो वे वोट मांगने 'जनता की अदालत' में जाएँगे। उन्हें वहाँ यह साबित करना होगा कि वे कितने न्यायप्रिय हैं और वे बिल्कुल नियम के अनुसार चलते हैं। यही वजह है कि जहाँ उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला शिंदे के लिए झटका है और उसे इस्तीफ़ा दे देना चाहिए तो शिंदे खेमा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने साबित कर दिया है कि 'महा विकास अघाड़ी की साज़िश नाकाम हो गई है' और उनकी 'सरकार पूरी तरह लोकतांत्रिक व वैध' है। 

यानी आने वाले समय में यह भी उद्धव ठाकरे खेमे और शिंदे खेमे के बीच लड़ाई जारी रहेगी। भले ही यह लड़ाई कोर्ट में नहीं हो, लेकिन अगले साल चुनाव के लिए दोनों दल अपनी-अपनी जीत बताते रहेंगे।  

ख़ास ख़बरें

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज के फैसले में महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर तीखी टिप्पणियां की हैं। अदालत ने तत्कालीन राज्यपाल कोश्यारी को शिंदे गुट की मदद करने वाले फैसले लेने के लिए कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने यह निष्कर्ष निकालने में गलती की थी कि उद्धव ठाकरे ने विधायकों के बहुमत का समर्थन खो दिया था।

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने गुरुवार सुबह शिवसेना में उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे गुट के विभाजन और उसके बाद 2022 में महाराष्ट्र में सरकार बदलने से उत्पन्न स्थिति को लेकर दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। इस बेंच में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा थे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें