महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी की सरकार बने कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन एक महीने में दूसरी बार उसे विनायक दामोदर सावरकर को लेकर अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। कांग्रेस की ओर से जारी की गई बुकलेट ‘वीर सावरकर, कितने वीर’ को लेकर शिवसेना पसोपेश में है और बीजेपी आक्रामक। लेकिन बीजेपी की यह आक्रामकता सावरकर के प्रति उसकी सच्ची श्रद्धा है या इसमें भी कहीं कोई राजनीतिक चाल छुपी हुई है?