इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल सरकार के ताजा आदेश कि सभी पत्रकारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिमाचल प्रदेश यात्रा को कवर करने के लिए एक चरित्र प्रमाणपत्र पेश करना होगा।
खराब मौसम के कारण मंडी में 24 सितंबर को होने वाली राज्य में उनकी अंतिम रैली रद्द होने के बाद मोदी बुधवार 5 अक्टूबर को आ रहे हैं। उनके दिन भर के दौरे पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। 5 को दशहरा भी है तो पीएम दशहरा यहीं मनाएंगे और रैली को संबोधित करेंगे। उनके कई शिलान्यास और उद्घाटन समारोह भी हैं।
चरित्र प्रमाणपत्र सिर्फ प्राइवेट चैनल वालों से ही नहीं बल्कि अखबारों, डिजिटल और ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन जैसे सरकारी मीडिया प्रतिनिधियों से भी 'चरित्र प्रमाणपत्र' मांगा गया है। पुलिस ने इस मामले में 29 सितंबर को सरकारी नोटिफिकेशन जारी किया था।
नोटिफिकेशन में राज्य लोकसंपर्क विभाग के जिला जनसंपर्क अधिकारी (डीपीआरओ) को सभी प्रेस संवाददाताओं, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों और दूरदर्शन और आकाशवाणी की टीमों की एक सूची के साथ-साथ उनके चरित्र सत्यापन का प्रमाणपत्र जमा कराने को कहा गया था।
नोटिफिकेशन में कहा गया था, "चरित्र सत्यापन का प्रमाणपत्र डीएसपी, सीआईडी, बिलासपुर के दफ्तर को 1 अक्टूबर, 2022 तक भेजा जा सकता है। रैली या बैठक में पत्रकारों की पहुंच इस कार्यालय द्वारा तय की जाएगी।"
हिमाचल कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता नरेश चौहान ने प्रशासन की मांग की निंदा करते हुए कहा कि यह कदम मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
पत्रकारों की विडंबनाः यहां यह बताना जरूरी है कि एक तरफ तो पीएम को कवर करने वाले पत्रकारों से चरित्र सत्यापन प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है, जबकि रैली में शामिल होने के लिए लाए जाने वाले हजारों लोगों को किसी पहचान या चरित्र प्रमाणपत्र पेश करने की जरूरत नहीं होगी।
प्रधानमंत्री 5 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे और एम्स के परिसर का उद्घाटन करेंगे। वह आगे कुल्लू दशहरा समारोह में भी भाग लेंगे।
पत्रकारों से दूरी