पत्रकारिता जगत में एक बार फिर से प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल उठाने वाली घटना सामने आई है। असम पुलिस ने द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और वरिष्ठ पत्रकार करण थापर के ख़िलाफ़ राजद्रोह के आरोपों के तहत एक और एफ़आईआर दर्ज की है। इस कार्रवाई की पत्रकार संगठनों ने कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
असम में वरदराजन, करण थापर पर राजद्रोह का केस, 'प्रेस की आज़ादी पर हमला'- PCI
- मीडिया
- |
- 19 Aug, 2025
असम में पत्रकार वरदराजन और करण थापर पर राजद्रोह का केस दर्ज होने के बाद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया। जानें पूरी रिपोर्ट।

असम में वरदराजन, करण थापर पर राजद्रोह का केस, प्रेस की आज़ादी पर हमला
असम पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 12 अगस्त 2025 को सिद्धार्थ वरदराजन और करण थापर को समन जारी किया, जिसमें उन्हें 22 अगस्त को गुवाहाटी के पानबाजार स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया। समन में कहा गया कि जांच से संबंधित तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आपके खिलाफ पूछताछ के लिए सही आधार हैं। हालाँकि, समन के साथ एफआईआर की प्रति या मामले का कोई विवरण नहीं दिया गया, जो कि कानूनी रूप से अनिवार्य है।