मार्कस जुकास के उपन्यास ‘द बुक थीफ़’ में मौत भी एक किरदार है। वही पार्श्व में खड़े होकर जैसे पूरी कहानी कह रही है। 1940 के दशक के जर्मनी में विमानों से गिराए गए बमों से तहस-नहस और सपाट हो गई एक बस्ती में वह घूम रही है। उपन्यास का एक चरित्र रूडी स्टीनर भी इस हमले में नहीं रहा है। वह उसकी आत्मा में झाँक कर देखती है और पाती है कि उसमें काले रंग से रंगा एक लड़का है जो खुद को जेसी ओवंस पुकारता है। मौत कहती है- यह लड़का मुझमें कुछ कर देता है, मुझे रुला देता है।
अपराजिता : उसने कहा था, वह कभी उदास नहीं रहेगी!
- श्रद्धांजलि
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- 5 Nov, 2021

अपराजिता शर्मा का 15 अक्टूबर को निधन हो गया। वह मिरांडा हाउस कॉलेज में हिंदी की एसोसिएट प्रोफेसर थीं। उनका बनाया हिमोजी एप बहुत चर्चित हुआ था। कुछ साल पहले हिमोजी एप लांच हुआ था। जानिए, उनके बारे में क्या लिखते हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन।
जब हम सब कोरोना के क़हर से उबरने की राहत भरी उम्मीद कर रहे थे, तभी मौत ने बताया कि वह रूप बदल-बदल कर हमले कर सकती है। उसने सीधे दिल पर वार किया और हम सबकी दोस्त, कलाकार, अलबेली अपराजिता शर्मा को एक झटके से उठा कर ले गई।
लेकिन जब उसने अपराजिता की आत्मा देखी होगी तो वह भी शायद रो पड़ी होगी- उसमें उसे कई रंगों वाली अलबेली मिली होगी और अलबेली की वे असंख्य सहेलियाँ जिनके आंसुओं में सोशल मीडिया डूबा हुआ होगा। अपराजिता इस क़दर जीवन से भरी थी कि उसे ले जाते हुए मौत ने उस सन्नाटे और रुदन का अनुभव किया होगा जो अपराजिता शर्मा की अनुपस्थिति के बाद हम सबके मन और जीवन में जैसे फ़िलहाल घर करके बैठ गया है।