अहमद पटेल नहीं रहे, इस खबर ने चौंकाया तो नहीं लेकिन दिल जरूर दुखाया। चौंकाया इसलिए नहीं क्योंकि वह पिछले कई दिनों से बीमार थे और आईसीयू में भर्ती थे। मैं लगातार उनके दामाद से उनकी सेहत का हालचाल ले रहा था। दो-तीन पहले खबर मिली थी कि उनकी हालत स्थिर हो गई है। इसलिए एक उम्मीद थी कि शायद स्वस्थ हो जाएं, लेकिन वह बच नहीं सके। अहमद पटेल कांग्रेस और सोनिया गांधी की ताकत भी थे और कमजोरी भी। वह पार्टी के लिए दर्द भी थे और उसकी दवा भी।