प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'जसवंत सिंह जी को राजनीति और समाज के मामलों में उनके अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने बीजेपी को मज़बूत बनाने में भी योगदान दिया। मैं हमेशा उनके साथ बातचीत को याद रखूँगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।'
जसवंत सिंह के निधन पर गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया है कहा कि यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जसवंत सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'श्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख पहुँचा है। उन्हें विशेषकर परमाणु शक्ति वाले भारत की विदेश नीति तैयार करने के लिए याद किया जाएगा। विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय डिप्लोमैट से शानदार काम कराया।'
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्त जैसे मंत्रालयों का ज़िम्मा संभाला था। वह राजस्थान में बाड़मेर ज़िले के जसोल गाँव के रहने वाले थे। 1960 के दशक में वह भारतीय सेना में अधिकारी रहे। पंद्रह साल की उम्र में वह भारतीय सेना में शामिल हुए थे।
बीजेपी ने 2014 में जसवंत सिंह को बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। इससे नाराज़ होकर जसवंत बग़ावत पर उतर आए थे। तब उन्हें बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने बहुत मनाने की कोशिश की लेकिन वह ज़िद पर अड़े रहे। उनका कहना था कि टिकट काटने का तरीक़ा अपमानित करनेवाला था। आख़िरकार उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए थे। चुनाव हारने के बाद वह दिल्ली में अपने घर में अकेले पड़ गए और एक दिन ख़बर आई कि रात को बाथरूम में फिसलकर गिर गए हैं। चोट इतनी गंभीर है कि कोमा में चले गए हैं।