धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। आज सुबह मेदांता अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। खांटी समाजवादी नेता मुलायम, समाजवादी महान चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया के शिष्य थे। उत्तर प्रदेश की राजनीति के वे दशकों से स्तंभ थे। खासतौर पर पिछड़ों, मुस्लिमों के बीच वे जननायक थे।
मुलायम का जाना: समाजवादी नेताओं की एक अड़ियल पीढ़ी खत्म
- श्रद्धांजलि
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- 10 Oct, 2022

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद लोग गमगीन हैं और उनके साथ बिताए गए पलों को याद कर रहे हैं।
लंबे दौर में उन्होंने उत्थान-पतन के कई दौर देखे। उनके साथ ही समाजवादी नेताओं की एक अड़ियल पीढ़ी खत्म हो गई। पिछले तीन-चार वर्षों से वह सेहतमंद नहीं थे।
तीन साल पहले उनके साथ लंबी बैठकी हुई थी। जब मैंने कई मुद्दों पर कुरेदा, तो वे भावुक भी हुए। उन्होंने स्वीकार किया था कि कई बार वोट बैंक के चक्कर में उनसे भी बड़ी भूलें हुईं हैं। उन्हें अमर सिंह से ज्यादा करीबी होने का रंज था। ये भी स्वीकार किया कि इसी दोस्ती के चलते कुनबे में मनभेद भी हुए।