loader
फाइल फोटो

क्या ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी में होने वाला है गठबंधन ? 

लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में अब खबरें आ रही है कि जल्द ही ओडिशा में बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन हो सकता है। राजनैतिक विशेषज्ञों का मानना है कि एनडीए के कई पुराने साथी अब उसमें वापस आ रहे हैं। 

इस कड़ी में जदयू एनडीए की छतरी में कुछ दिनों पहले ही आ चुका है। अब चर्चा है कि ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी, आंध्रप्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी और पंजाब की अकाली दल की भी एनडीए में वापसी हो सकती है। 
ओडिशा में लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली बीजेडी और बीजेपी दोनों एक दूसरे से रिश्ते को सुधारने की कोशिश कर रही हैं। पीएम मोदी के पिछले दिनों हुए ओडिशा दौरे के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि दोनों दल अब करीब आ चुके हैं। 

पीएम मोदी ने ओडिशा के संबलपुर में हुए एक कार्यक्रम में सीएम नवीन पटनायक को अपना दोस्त कहकर संबोधित किया था। आम तौर पर पीएम मोदी गैर एनडीए दलों या विपक्षी दलों के नेताओं पर तंज कसते रहते हैं।

विपक्षी दलों और उनके नेताओं पर राजनैतिक हमले करने वाले पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम सीएम नवीन पटनायक पर निशाना साधने से परहेज किया। उन्होंने नवीन पटनायक को अपना दोस्त बता कर राजनैतिक विश्लेषकों को चौंका दिया। इसके बाद से माना जाने लगा कि जल्द ही दोनों दलों के बीच गठबंधन हो सकता है। 
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त कहने पर उस सभा में मौजूद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने भी गर्मजोशी से जवाब दिया है। उन्होंने भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए पीएम मोदी के कार्यों की सराहना की थी।

वहीं सीएम नवीन पटनायक के बेहद करीबी माने जाने वाले बीजेडी नेता और पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन ने भी कहा है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से केंद्र-राज्य संबंधों में काफी सुधार हुआ है। 

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम नवीन पटनायक दोनों एक दूसरे का सम्मान करते हैं। संबलपुर की सभा में दोनों का एक दूसरे को लेकर संबोधन बताता है कि दोनों नेताओं के मन में एक दूसरे के प्रति सम्मान है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीके पांडियन ने कहा है कि जब भी पीएम नरेंद्र मोदी और नवीन पटनायक मिलते हैं तो वे ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे दो पुराने दोस्त लंबे समय के बाद फिर से मिल रहे हों।  दोनों नेताओं को एहसास है कि उनको खास उद्देश्य के लिए काम करने का जनादेश मिला है। 
ओडिशा से और खबरें

राहुल गांधी कह चुके हैं बीजेपी-बीजेडी में पार्टनरशिप है 

कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से लगातार यह कह रही है कि बीजेपी और बीजेडी मिले हुए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले बुधवार को ही कह चुके हैं कि ओडिशा में नवीन पटनायक और नरेंद्र मोदी की पार्टनरशिप सरकार चलती है। दोनों मिलकर काम करते हैं। मुझे संसद में दिखता है कि मोदी जी के कहने पर बीजेडी के लोग हमें परेशान करते हैं। ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी की इस पार्टनरशिप सरकार से सिर्फ कांग्रेस पार्टी लड़ रही है। 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर ओडिशा पहुंचे राहुल गांधी ने बुधवार को राज्य के सीएम नवीन पटनायक और उनकी पार्टी बीजेडी पर जमकर हमला बोला था। अपनी इस यात्रा में ओडिशा आए राहुल गांधी ने पूरी आक्रमकता के साथ इनपर हमला बोला है। 
उन्होंने कहा था कि मैं आपको दो आंकड़े देता हूं। ओडिशा के  30 लाख लोग ओडिशा से बाहर जाकर दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं। वहीं दूसरा आंकड़ा देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 30 अरबपति बाहर से यहां आकर ओडिशा का धन लूट रहे हैं। 

उन्होंने आरोप लगाया था कि ओडिशा में आदिवासियों, पिछड़ो, दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है। ओडिशा में एक जनसभा में उन्होंने बीजेडी पर हमला कर संकेत दे दिया है कि कांग्रेस पार्टी अब ओडिशा में भी खुद को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए वह अब लंबी राजनैतिक लड़ाई लड़ने के मूड में है। 

कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि ओडिशा में बीजेडी की लंबे समय से सरकार है। राष्ट्रीय स्तर पर भी देखे तो पाते हैं कि बीजेपी न तो खुल कर बीजेडी का समर्थन करती है और न ही विरोध। राज्य में अब भी बीजेपी काफी कमजोर है। ऐसे में कांग्रेस को लगता है कि उसके लिए यहां अपना जनाधार बढ़ाने का पर्याप्त मौका है। अगर वह यहां मजबूती से राजनैतिक लड़ाई लड़ेगी तो तेजी से उसका जनकाधार बढ़ेगा। 

बीजेडी से नाराज मतदाताओं को अभी कांग्रेस अपनी तरफ लाना चाहती है। यही कारण है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि दोनों दलों के बीच और उनके नेता नवीन पटनायक और नरेंद्र मोदी के बीच ओडिशा में पार्टनरशिप की सरकार चल रही है। ऐसा कह कर बीजेडी से नाराज मतदाताओं को वह अपने पाले में करना चाहते हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

ओडिशा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें