अफ़ग़ानिस्तान के लगातार बिगड़ते सुरक्षा हालात और आतंकवादी क़रार दिये गए तालिबान के साथ शांति वार्ता करने की अमेरिका की शर्मनाक कोशिशों पर गहरे सवाल उठाए जाने लगे हैं। इसके साथ ही भारतीय राजनयिक हलकों में अपने सामरिक हितों को बचाने को लेकर शंकाएं भी बढ़ गई हैं।