भारत की जनता को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि देश के सभी राजनीतिक दल कोरोना वायरस के विरुद्ध एकजुट हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में कुछ रचनात्मक सुझाव दिए हैं। केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और दिल्ली के ग़ैर-भाजपाई मुख्यमंत्री लोग भाजपाई मुख्यमंत्रियों की तरह डटकर काम कर रहे हैं।
कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में सभी राजनीतिक दल एकजुट
- विचार
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- 8 Apr, 2020

कोरोना राहत-कोष के साथ किसी प्रधानमंत्री या व्यक्ति या पद का नाम जोड़ना हास्यास्पद है और यह कहना तो अत्यंत विचित्र है कि ‘‘पीएम केयर्स फंड’’। क्या देश की चिंता सिर्फ एक ही व्यक्ति को है? क्या बाकी सब लोग ‘केयरलेस’ (लापरवाह) हैं? सोनिया गांधी का यह सुझाव ठीक है कि कुछ सरकारी ख़र्चों में भी 30 प्रतिशत की कटौती की जाए और सरकारी ख़र्चे पर विदेश यात्राएं बंद हों।
ग़ैर-राजनीतिक समाजसेवी लोग तो गजब की सेवा कर रहे हैं। यह भी गौर करने लायक बात है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा अन्य संगठनों ने तब्लीग़ी जमात के मामले का सांप्रदायिकीकरण करने का विरोध किया है। लेकिन हमारे कुछ टीवी चैनल इसी मुद्दे को अपनी टीआरपी की खातिर पीटे चले जा रहे हैं।