केंद्रीय क़ानून मंत्री किरण रिजिजू का कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘देश की एकता के लिए ख़तरा’ बताना सामान्य बात नहीं है। यह बताता है कि इंग्लैंड में राहुल गांधी के भाषणों और साक्षात्कारों से मोदी सरकार बुरी तरह बौखलाई हुई है और रिजिजू का हमला पूरी सरकार की ओर से किया गया पलटवार है। इससे यह भी ज़ाहिर होता है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद नई चमक के साथ सामने आयी राहुल गांधी की छवि को ध्वस्त करने के लिए सरकार किस हद तक जा सकती है।
राष्ट्रीय एकता को ख़तरा राहुल गाँधी से नहीं मोदी सरकार से है!
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- 16 Mar, 2023

राहुल गांधी के कैंब्रिज युनिवर्सिटी से लेकर ब्रिटिश पार्लियामेंट तक के लेक्चर को लेकर देश विरोधी बातें कहने का आरोप बीजेपी क्यों लगा रही है?
राहुल गांधी ने कैंब्रिज युनिवर्सिटी से लेकर ब्रिटिश पार्लियामेंट में जो कुछ भी कहा उसमें कुछ भी ऐसा नहीं था जिससे दुनिया अनजान हो। भारत में लोकतंत्र के भविष्य को लेकर चिंता पूरी दुनिया में की जा रही है। कुछ साल पहले भारत के सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने अभूतपूर्व कद़म उठाते हुए जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, उसका मक़सद भी यही बताना था कि लोकतंत्र ख़तरे में है। 12 जनवरी 2018 को हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को ‘राष्ट्र का क़र्ज़ उतारने’ की कार्यवाही बताते हुए जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ़ ने कहा था कि ‘वे नहीं चाहते कि 20 साल बाद उन पर आरोप लगे कि उन्होंने अपनी आत्मा बेच दी। उन्होंने इस संस्था (सुप्रीम कोर्ट) की परवाह नहीं की, उन्होंने देश के हित की परवाह नहीं की!’