पिछले महीने जब मेरे संपादक रह चुके आशुतोष जी ने कांग्रेस में जाने की वजह पर लिखने का आग्रह किया तो मैं उलझन में पड़ गया। मेरे जैसे आम आदमी के कहीं जाने या न जाने से क्या फ़र्क पड़ता है कि लेख लिखा जाए! हाँ, एक सक्रिय पत्रकार के रूप में किसी पार्टी के साथ जाने की कोई सफ़ाई ज़रूर हो सकती थी, लेकिन इसमें आत्मप्रशंसा का ख़तरा था, लिहाज़ा लिखना न हो सका। लेकिन कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद जिस तरह से सोशल मीडिया पर यूँ बौद्धिक कही जाने वाली जमात ट्रोल में बदलते दिख रही है, उसके बाद इस विषय पर लिखना ज़रूरी लग रहा है।
आख़िर, कांग्रेस में क्यों शामिल हो रहे हैं वामपंथी?
- विचार
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- 2 Oct, 2021

राहुल गांधी के साथ कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवाणी और अन्य।
कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी के कांग्रेस के साथ जुड़ने के साथ यह सवाल अब ज़्यादा जोरशोर से उठने लगा है कि आख़िर वामपंथी क्यों कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं? इसका क्या असर पड़ेगा? पत्रकार रहे और हाल ही में कांग्रेस से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की टिप्पणी...
चूँकि मैं ख़ुद वामपंथी पृष्ठभूमि से कांग्रेस में आया, इसलिए कन्हैया जैसे मित्रों का अंतर्द्वंद्व समझ सकता हूँ। बहरहाल, पहले यह कि एक पत्रकार होने के बावजूद कांग्रेस के साथ सक्रिय होने के फ़ैसले का आधार क्या है? क्या यह पत्रकारिता के साथ दग़ा है?