क्या कोविड संक्रमण की नयी लहर की आशंका से निपटने की तैयारी नहीं है? क्या एक बार फिर ‘तबलीगी जमात’ और निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद जैसे मोहरों की तलाश की जा रही है? क्या ‘भारत जोड़ो यात्रा’और राहुल गांधी ऐसे ही मोहरे साबित होने वाले हैं? ये सवाल अनायास नहीं उठ रहे हैं।
इस बार कोरोना आया तो ‘मोहरा’ बनेगी कांग्रेस?
- विचार
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- 29 Mar, 2025
एक तरफ राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा है तो दूसरी तरफ कोरोना है। केंद्र सरकार के सामने यही दो चुनौतियां नहीं हैं। लेकिन अब तमाम चुनौतियों को कोरोना की आड़ लेकर कांग्रेस की तरफ धकेला जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार इन्हीं बारीकियों को समझा रहे हैंः
