क्या कोविड संक्रमण की नयी लहर की आशंका से निपटने की तैयारी नहीं है? क्या एक बार फिर ‘तबलीगी जमात’ और निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद जैसे मोहरों की तलाश की जा रही है? क्या ‘भारत जोड़ो यात्रा’और राहुल गांधी ऐसे ही मोहरे साबित होने वाले हैं? ये सवाल अनायास नहीं उठ रहे हैं।