माननीय जज महोदयों!मैं यह पत्र सम्मान और पीड़ा के साथ लिख रहा हूँ। मैं यह एक इतिहासकार और सामान्य नागरिक की हैसियत से लिख रहा हूँ, इन दोनों ही रूपों में मैं सर्वोच्च न्यायलय के कामकाज के प्रति लोगों के घटते विश्वास से चिंतित हूँ।
सुप्रीम कोर्ट सोचे कि संविधान ने उसे क्या दायित्व सौंपा है और वह किस ओर जा रहा है
- विचार
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- 13 Aug, 2020

मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के नाम एक खुली चिट्ठी लिखी है, जिसे 'इंडियन एक्सप्रेस' ने प्रकाशित किया है। पेश है उसका हिन्दी अनुवाद।