राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संघ के सबसे महत्वपूर्ण निर्वाचित पद यानी सर कार्यवाह के लिए दत्तात्रेय होसबोले को चुन लिया गया है। सर कार्यवाह को आरएसएस का सीईओ माना जाता है और संघ के आनुषांगिक संगठनों से जुड़े सभी नीतिगत फ़ैसलों में उनकी अहम भूमिका होती है।
दत्तात्रेय होसबोले के आरएसएस सर कार्यवाह बनने का क्या है मतलब?
- विचार
- |

- |
- 21 Mar, 2021


इससे पहले मदन दास देवी सर कार्यवाह इसीलिए शायद नहीं बन पाए क्योंकि बहुत से लोग इसके लिए तैयार नहीं थे कि विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे देवी को सर कार्यवाह की ज़िम्मेदारी सौंपी जाए। फिर ऐसा ही 2018 में हुआ जब होसबोले को सर कार्यवाह बनाने के बजाय चौथी बार भैयाजी जोशी की ही चुनना बेहतर समझा गया जबकि भैयाजी जोशी खुद स्वास्थ्य कारणों से पदमुक्त होना चाहते थे।
होसबोले का इस पद पर चुनाव संघ के उन आलोचकों के लिए जवाब हो सकता है जो उसे लोकतांत्रिक संगठन नहीं मानते या फिर बदलाव के लिए तैयार नहीं मानते।


























