कल रात लंदन के एक वेबिनार में मैंने भाग लिया। उसमें चर्चा का विषय कश्मीर था और भाग लेनेवालों में दोनों तरफ़ के कश्मीरी और पाकिस्तानी सज्जन भी थे। सभी का एक राग था कि भारत में हिंदू और मुसलमानों के रिश्ते बेहद ख़राब हो गए हैं और मुसलमानों पर बहुत ज़ुल्म हो रहा है। मैंने नम्रतापूर्वक उन बंधुओं से पूछा कि भारत में मुसलमानों की दशा क्या चीन के उइगर मुसलमानों से भी बुरी है? मैंने कभी किसी पाकिस्तानी नेता- इमरान ख़ान, मियाँ नवाज़ शरीफ़ या आसिफ़ जरदारी- को उइगरों के बारे में एक शब्द भी बोलते हुए नहीं सुना।