कल रात लंदन के एक वेबिनार में मैंने भाग लिया। उसमें चर्चा का विषय कश्मीर था और भाग लेनेवालों में दोनों तरफ़ के कश्मीरी और पाकिस्तानी सज्जन भी थे। सभी का एक राग था कि भारत में हिंदू और मुसलमानों के रिश्ते बेहद ख़राब हो गए हैं और मुसलमानों पर बहुत ज़ुल्म हो रहा है। मैंने नम्रतापूर्वक उन बंधुओं से पूछा कि भारत में मुसलमानों की दशा क्या चीन के उइगर मुसलमानों से भी बुरी है? मैंने कभी किसी पाकिस्तानी नेता- इमरान ख़ान, मियाँ नवाज़ शरीफ़ या आसिफ़ जरदारी- को उइगरों के बारे में एक शब्द भी बोलते हुए नहीं सुना।
मुसलिम ने बाल मुंडाए, धोती-जनेऊ पहन दाह-संस्कार किया; क्या यह ज़ुल्म है?
- विचार
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- 5 Jun, 2020

कर्नाटक में मुसलिम युवकों की मदद से हुआ एक हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार। (प्रतीकात्मक तसवीर)
गुजरात के एक मुसलिम परिवार ने पिछले दिनों अपने एक हिंदू मित्र पंडयाजी का दाह-संस्कार करवाया। पंडयाजी उसी परिवार के साथ रहते थे। इस मुसलिम परिवार के बच्चे अरमान ने बाल मुंडाए, धोती-जनेऊ पहनी और अपने बड़े अब्बा के दोस्त की कपाल-क्रिया भी की। ऐसा कब होता है?